HMPV Update: चीन से शुरू हुए ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के 18 मामले भारत में भी रिपोर्ट किए जा चुके हैं। HMPV का जो पैटर्न दिख रहा है, उससे ये साफ है कि HMPV का इन्फेक्शन सर्दियों में अधिक फैलता है। तो क्या HMPV इन्फेक्शन का सर्दी के मौसम से कुछ संबंध है? इस मामले में डॉक्टर (Doctor) ने पूरी जानकारी दी।
डॉक्टर कहते हैं कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक सीजनल पैटर्न फॉलो करता है। ये सर्दियों में अपने चरम पर होता है। वैसे भी सर्दियों को फ्लू सीजन (Flu Season) कहा जाता है। क्योंकि, इस मौसम में सांस से जुड़े इन्फेक्शन पैदा करने वाले वायरस खूब फैलते हैं। खासकर नॉदर्न हेमिस्फेयर में, क्योंकि इन महीनों में यहां ठंड होती है।
सर्दियों में आसानी से फैलते हैं ऐसे इंफेक्शन
सांस से जुड़े बाकी इन्फेक्शंस की तरह HMPV भी सर्दियों और बसंत के मौसम में अधिक सक्रिय होता है। क्योंकि, वायरस ठंड में ज्यादा एक्टिव और जीवित रहते हैं। सर्दियों में लोग घरों के अंदर रहते हैं। इससे वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में आसानी से फैल सकता है। उत्तरी चीन से HMPV के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। वहां तापमान कम है यानी सर्दियां हैं, जो मार्च तक चलेंगी।
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लक्षण और सबसे ज्यादा असर
डॉक्टर का कहना है कि एचएमपीवी के लक्षण भी फ्लू से मिलते-जुलते हैं। जैसे नाक बंद होना, जुकाम होना, गले में दर्द, खांसी वगैरह। कुछ लोगों को HMPV इन्फेक्शन होने का रिस्क ज्यादा होता है, जैसे- 5 साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग और ऐसे लोग, जिन्हें क्रोनिक कंडिशंस हैं यानी ऐसी बीमारियां जो लंबे वक्त तक चलती हैं। ऐसे लोगों में इन्फेक्शन गंभीर रूप ले सकता है। मरीज को ब्रोंकियोलाइटिस या निमोनिया हो सकता है, इसलिए सही वक्त पर जांच और इलाज कराना जरूरी है।जांच इसलिए ताकि पता चल सके कि आपको किस वायरस का इन्फेक्शन हुआ है। क्योंकि, सर्दियों में सिर्फ HMPV ही नहीं फैलता। इस दौरान, स्वाइन फ्लू, एडिनोवायरस, राइनोवायरस जैसे वायरस भी फैलते हैं। जांच से पता चल सकेगा कि वायरस कौन-सा है। फिर लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाएगा।
सर्दियों में बरतें सावधानी
खांसते या छींकते समय मुंह ढक लें।
हाइजीन का खास ध्यान रखें। समय-समय पर हाथ धोते रहें।
हाथ धोने के लिए सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
ऐसी जगहों पर मास्क लगाएं। क्योंकि, ऐसा करके खुद को इस वायरस से बचाया जा सकता है।
अगर इन्फेक्शन हो गया है तो मरीज खुद को आइसोलेट कर ले और तुरंत अपना इलाज कराए।
HMPV का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है।