कई लोगों के बारे में आपने सुना होगा कि वो सोते-सोते अचानक से चिल्लाने लगते हैं। अगर हां, तो इसे मिडनाइट एंग्जाइटी (Midnight Anxiety) कहते हैं। इसमें रात में सोते हुए एकाएक पैनिक अटैक (Panic Attack) आ जाता है, चिंता और डर दिखता है। ऐसा स्ट्रेस, अचानक हुई कोई घटना, मेंटल डिसऑरर्डर या इमोशनली प्रॉब्लम्स की वजह से हो सकता है। इसका असर सिर्फ मानसिक ही नहीं शारीरिक सेहत पर भी पड़ता है। इससे नीद (Sleep) की क्वालिटी बिगड़ती है, लाइफ साइकिल पूरी तरह डिस्टर्ब हो जाता है और कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
क्या है मिडनाइट एंग्जाइटी? (What is Midnight Anxiety?)
जब कोई नींद में सोते-सोते चिल्लाने लगे, अचानक से उठकर बैठ जाए, उसे तेज पसीना आए तो ये सब मिड नाइट एंग्जाइटी के लक्षण हैं। इस अटैक की वजह से इंसान बुरा सपना देखकर डर जाता है। कई लोगों के तो चेस्ट में भी दर्द होता है। इसके लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए और सही ट्रीटमेंट लेना चाहिए। कई बार लापरवाही की वजह से ये समस्या गंभीर बन जाती है और लाइफटाइम परेशानी का कारण बन सकती है।
मिडनाइट एंग्जाइटी के लक्षण (Symptoms of Midnight Anxiety)
किसी बात को सोचकर घबराना
किसी काम पर फोकस न कर पाना
सही तरह नींद न आना
नींद में घबराकर बार-बार उठ जाना
मिडनाइट एंग्जाइटी की वजह (Reason of Midnight Anxiety)
किसी काम की वजह से बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेना।
स्लीप हैबिट सही न होना।
किसी तरह का मेंटल प्रेशर।
कोई दर्दनाक बीमारी।
किसी अपने के दूर होने का स्ट्रेस।
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मिडनाइट एंग्जाइटी से बचाव का तरीका
कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी से मरीज की चिंता, डर और हड़बड़ाहट को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
एक्सरसाइज करने से मिडनाइट एंग्जाइटी की समस्या कम हो सकती है।
देर रात तक न जागें, सोना और जागने का समय तय करें। इससे हार्मोन इंबैलेंस नहीं होगा।
हर दिन 8-10 घंटे नींद लें।
रात में शराब या चाय-कॉफी न पिएं। इससे बचकर खुद का ख्याल रख सकते हैं।