Fitness Tips: रोजाना सुबह करें 20 पुल-अप, सेहत को मिलेंगे ये पांच फायदे

Fitness Tips in Hindi: पुल अप्स एक बेहद असरदार बॉडी वेट एक्सरसाइज है, जो शरीर के ऊपरी हिस्से की ताकत और मांसपेशियों को विकसित करने के लिए की जाती है। इसे बिना किसी मशीन के केवल एक मजबूत बार की मदद से किया जाता है। पुल अप्स एक प्रकार की एक्सरसाइज है जिसमें आप एक हॉरिजॉन्टल बार को पकड़कर खुद को ऊपर खींचते हैं ताकि आपकी ठुड्डी इस बार के ऊपर आ जाए। यह व्यायाम मुख्य रूप से आपकी पीठ, कंधे, छाती और हाथों की मांसपेशियों पर काम करता है।
पुल अप्स किसे और कब करना चाहिए? | Fitness Tips in Hindi
जिन लोगों को बॉडी वेट ट्रेनिंग करनी है या अपनी पीठ, बाइसेप्स, कंधों और कोर की ताकत बढ़ानी है, उन्हें पुल अप करना चाहिए। फिटनेस की शुरुआत कर रहे लोग शुरुआत में असिस्टेड पुल अप्स या नेगेटिव पुल अप्स करें। इसे महिलाएं और पुरुष दोनों कर सकते हैं। पुल अप्स करने के लिए सबसे उपयुक्त समय सुबह का होता है। इस कसरत को तब करें जब पेट खाली हो ऐसे में सुबह के वक्त करें। इस समय शरीर एक्टिव रहता है और मेटाबॉलिज्म तेज होता है। अगर आप वर्कआउट रूटीन फॉलो करते हैं तो पुल अप्स को वार्मअप या में एक्सरसाइज में शामिल कर सकते हैं।

रोजाना 20 पुल-अप्स के फायदे | Fitness Tips in Hindi
मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में सहायक: पुल-अप्स करने से कोर मसल्स टाइट होती है। रोजाना पुल-अप्स के कारण पीठ, बाइसेप्स, कंधे और छाती की मांसपेशियां मजबूत होंगी। यह व्यायाम मांसपेशियों की सहनशक्ति को बढ़ाता है, जिससे थकान के बिना लंबे समय तक शारीरिक गतिविधि की जा सकती है। अभ्यास करने वालों को आमतौर पर दैनिक अभ्यास के एक दो महीने के भीतर ही इसका अनुभव होने लगता है। कोर मसल्स में सुधार छह से आठ सप्ताह के भीतर दिखाई देने लगता है, क्योंकि व्यायाम पेट और मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे दैनिक गतिविधियों में संतुलन और स्थिरता बढ़ती है।
कैलोरी घटाने में सहायक: ये एक्सरसाइज बहुत एनर्जी लेती है, जिससे कैलोरी बर्न होती है। पुल अप्स करते समय कोर मसल्स टाइट रहती हैं, जिससे पेट की चर्बी कम करने में मदद मिलती है। इस एक्सरसाइज में वेट ट्रेनिंग के साथ आप अपने शरीर के वजन को भी कम कर सकते हैं। इसे रूटीन में करने से 50-70 कैलोरी बर्न होती है, खानपान का ध्यान दिया जाए तो दोनों को मिलाकर वजन को सही तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है।

मूड बूस्टर वर्कआउट: यदि आप सुबह उठने पर चिड़चिड़ा महसूस करते हैं तो अपने दिन की शुरुआत प्रसन्नतापूर्वक करने के लिए 20 बार पुल-अप करने का प्रयास करें। यह व्यायाम एंडोर्फिन रिलीज करता है, जो तनाव को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है। नियमित अभ्यास से आत्म-अनुशासन और स्थिरता विकसित होती है, जिसका सकारात्मक प्रभाव एक दो महीनों के भीतर काम और व्यक्तिगत लक्ष्यों पर दिखाई देता है।
पोश्चर में सुधार: अगर आप झुकी हुई पीठ और शरीर के दर्द से परेशान हैं, तो हर रोज़ पुल-अप करना शुरू करें। रोज पुल-अप्स करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है और शरीर सीधा दिखता है। नियमित रूप से सुबह-सुबह पुल-अप करने से कोर और पीठ की मांसपेशियों को सक्रिय करके लंबे समय तक डेस्क पर काम करने की वजह से होने वाली खराब मुद्रा को ठीक करने में मदद मिलती है। रीढ़ की हड्डी में सुधार लगातार छह से आठ सप्ताह के अभ्यास से देखने को मिल सकता है। इस अभ्यास से ऊपरी शरीर का लचीलापन और गति की सीमा बढ़ती है, साथ ही 2-3 महीने तक रोजाना अभ्यास करने के बाद अकड़न कम हो जाती है।

पूरे शरीर की कसरत: यह रूटीन मुख्य रूप से ऊपरी शरीर की मांसपेशियों को लक्षित करता है। चार से छह सप्ताह के भीतर पीठ, कंधों और बाहों को मजबूत बनाने में यह वर्कआउट असरदार है। यह हाथ और पकड़ की ताकत में भी काफी सुधार करता है, जो उठाने और चढ़ने जैसी दैनिक गतिविधियों के लिए फायदेमंद है और दो-तीन महीनों में ध्यान देने योग्य परिणाम देता है।