सर्दियों में बार-बार आ रहा पेशाब? अगर दिख रहे लक्षण तो तुरंत भागें डॉक्टर के पास

Continuous Urine in Winters: सर्दियों में कई लोगों के लिए बार-बार पेशाब आना सामान्य है। ठंड में ज्यादा पेशाब आने के कई कारण हो सकते हैं। ठंड में शरीर के रक्तवाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं ताकि शरीर की गर्मी बनी रहे। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और किडनी अतिरिक्त तरल को निकालने के लिए अधिक पेशाब बनाती हैं। जाहिर है सर्दियों में पसीना कम निकलता है, जिससे शरीर पानी की मात्रा को पेशाब के जरिए बाहर निकालता है। इसके अलावा सर्दियों में गर्म पेय जैसे चाय, कॉफी, या सूप का सेवन अधिक होता है, जिससे पेशाब अधिक आ सकता है सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कई बार यह कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। यदि बार-बार पेशाब आना सर्दी के कारण नहीं है और इसके साथ अन्य लक्षण भी हैं। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
सर्दियों में में बढ़ जाती है यूटीआई की समस्या, डायबिटीज का भी है खतरा | Continuous Urine in Winters
मूत्र पथ में संक्रमण की वजह से पेशाब ज्यादा आ सकता है। इसके साथ अगर आपको पेशाब के समय जलन, बार-बार पेशाब की तलब, या पेशाब में बदबू जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो यह जांच का विषय है। सर्दियों में पानी कम पीने से UTI की समस्या बढ़ सकती है। बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का सबसे पहला लक्षण है। दरअसल हाई ब्लड शुगर की वजह से किडनी ग्लूकोज निकालने के लिए अधिक पेशाब बनाती हैं। इसकी वजह से खासकर रात को ज्यादा पेशाब आता है। एक दुर्लभ स्थिति जिसमें शरीर अत्यधिक मूत्र बनाता है क्योंकि हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। इस स्थिति में शरीर से बहुत सारा रंगहीन, गंधहीन पेशाब निकलता है। इसे जल मधुमेह भी कहा जाता है।

किडनी की समस्या | Continuous Urine in Winters
किडनी की शुरुआती समस्या बार-बार पेशाब और रात में पेशाब की आवश्यकता (Nocturia) के रूप में दिख सकती है। किडनी में प्रॉब्लम कई तरह की हो सकती हैं, जैसे कि किडनी में संक्रमण, किडनी की चोट, क्रोनिक किडनी रोग और किडनी फेलियर। इसके अलावा पुरुषों में प्रोस्टेट बढ़ने से मूत्राशय पर दबाव पड़ सकता है, जिससे बार-बार पेशाब आता है।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
- बार-बार पेशाब के साथ पेशाब के समय जलन या दर्द।
- पेशाब में खून आना।
- बार-बार पेशाब की अचानक शुरुआत।
- बुखार या ठंड लगना।
- पेशाब में रुकावट या मूत्राशय पूरी तरह से खाली न होना।
