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ब्रेन से लेकर ब्लड सर्कुलेशन तक, ये हैं शीर्षासन के फायदे

Benefits of Shirshasana: शीर्षासन में व्यक्ति का सिर नीचे और पैर ऊपर होते हैं. इससे खून का बहाव उल्टी दिशा में यानी सिर की तरफ होता है, जिससे दिमाग को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है. इससे सिरदर्द, स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं. इस आसन को रोजाना प्रैक्टिस करने से कॉन्फिडेंस और कॉन्सनट्रेशन में भी बढ़ोतरी होती है. साथ ही अनेकों फायदे भी मिलते हैं.

ब्रेन के लिए बेहद फायदेमंद | Benefits of Shirshasana

शीर्षासन ब्रेन के लिए बेहद फायदेमंद है. इसके प्रैक्टिस से सिर की ओर ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिससे ब्रेन को ज्यादा ऑक्सीजन और पोषण मिलता है. यह याददाश्त, कॉन्सनट्रेशन और सोचने की क्षमता को बेहतर बनाता है. साथ ही स्ट्रेस, चिंता और डिप्रेशन को कम करने में मददगार होता है. यह मेंटल बैलेंस को मजबूत करता है.

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बेहतर ब्लड सर्कुलेशन | Benefits of Shirshasana

शीर्षासन करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, खासकर सिर की ओर. जब हम उल्टा खड़े होते हैं, तो हार्ट से ब्रेन तक ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर बैलेंस रहता है. इसका असर स्किन और बालों पर भी दिखाई देता है, स्किन में चमक आती है, बालों का झड़ना कम होता है और कई तरह की स्किन से जुड़ी समस्याएं भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं.

डाइजेशन सिस्टम के लिए फायदेमंद | Benefits of Shirshasana

इस आसन से डाइजेशन सिस्टम को काफी फायदा मिलता है. यह आसन पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, गैस और अपच को दूर करने में मदद करता है. जब आप उल्टा होकर इस आसन को करते हैं, तो शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जिससे डाइजेशन सिस्टम मजबूत होती है.

मसल्स को मजबूती | Benefits of Shirshasana

इस आसन से हाथ और कंधों की मसल्स मजबूत होती हैं, क्योंकि शरीर का पूरा वजन इन्हीं पर टिका होता है. साथ ही यह गर्दन, सिर और पीठ की मसल्स को भी ताकत देता है और बैलेंस बनाए रखने में मदद करता है.

इन लोगों को नहीं करना चाहिए शीर्षासन | Benefits of Shirshasana

यूं तो शीर्षासन कई फायदे देता है, लेकिन कुछ लोगों को इसे करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए. जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें यह आसन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. माइग्रेन या लगातार सिरदर्द से परेशान लोग इस आसन से दूर रहें, क्योंकि इससे परेशानी बढ़ सकती है. प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी यह आसन सेफ नहीं है, इसलिए उन्हें इसका प्रैक्टिस नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, अगर किसी को रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कोई समस्या है तो उन्हें भी शीर्षासन करने से बचना चाहिए.

शीर्षासन कैसे करे? | Benefits of Shirshasana

पहले अपने पैरों को दीवार के सहारे टिकाएं और धीरे-धीरे उन्हें दीवार पर ऊपर की ओर ले जाएं. इस दौरान अपना वजन हाथों पर रखें, ताकि शरीर का संतुलन बना रहे. फिर अपने सिर को चटाई पर सावधानी से रखें और धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं, जिससे शरीर शीर्षासन की सही स्थिति में आ सके. इस आसन को करते समय बैलेंस बनाए रखना बहुत जरूरी होता है, जिसमें आपकी हाथ और कंधे मदद करते हैं. शुरुआत में दीवार का सहारा लेना बेहतर होता है, इससे आसन करना आसान और सेफ रहता है.

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