Health Tips: यूटीआई के हैं मरीज, आज से ही डाइट में करें इन चीज़ों को शामिल

Uti Prevention Tips: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, जिसे आम भाषा में पेशाब का इंफेक्शन भी कहते हैं, एक बेहद सामान्य लेकिन दर्दनाक समस्या है। यह अक्सर महिलाओं को प्रभावित करता है, लेकिन किसी को भी हो सकता है। यूटीआई के मुख्य लक्षणों में पेशाब करते समय जलन, बार-बार पेशाब आना और पेल्विक क्षेत्र में दर्द शामिल हैं। इस स्थिति में सही डॉक्टरी और सही इलाज बहुत जरूरी होता है, लेकिन इसके साथ ही हमारी डाइट भी रिकवरी में अहम भूमिका निभाती है।
कुछ खास खाद्य पदार्थों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से न सिर्फ लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है, बल्कि यह संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता को भी बढ़ाता है। आइए इस लेख में ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में जानते हैं, जो यूटीआई के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं, साथ ही ये भी जानेंगे कि किन चीजों के से पहरेज करना चाहिए।
भरपूर मात्रा में पानी पियें | Uti Prevention Tips
यूटीआई से लड़ रहे हर व्यक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण सलाह है भरपूर मात्रा में पानी पीना। पानी शरीर के लिए एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर का काम करता है। जब आप अधिक पानी पीते हैं, तो यह आपके यूरिनरी ट्रैक्ट यानी मूत्र मार्ग में मौजूद बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पेशाब बार-बार आता है, जिससे बैक्टीरिया को शरीर में जमने और बढ़ने का मौका नहीं मिलता। इसलिए, दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना बेहद जरूरी है।
क्रैनबेरी जूस का करें सेवन | Uti Prevention Tips
क्रैनबेरी जूस को सदियों से यूटीआई के इलाज के लिए एक लोकप्रिय घरेलू उपाय माना जाता रहा है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इसके लिए शुगर-फ्री क्रैनबेरी जूस ही फायदेमंद होता है। क्रैनबेरी में प्रोएंथोसायनिडिन्स नामक यौगिक होते हैं, जो बैक्टीरिया, खासकर ई. कोली, को मूत्राशय की दीवारों से चिपकने से रोकते हैं। इससे बैक्टीरिया आसानी से पेशाब के साथ बाहर निकल जाते हैं और संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकता है।
प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ | Uti Prevention Tips
दही और अचार जैसे प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ यूटीआई के इलाज में काफी सहायक होते हैं। दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया, जैसे लैक्टोबैसिलस, शरीर के अंदर हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ते हैं और शरीर के प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसी तरह, अचार में भी किण्वन प्रक्रिया के कारण प्रोबायोटिक्स होते हैं। यूटीआई के दौरान ‘प्लेन ग्रीक योगर्ट’ (बिना चीनी का) या घर पर बने अचार का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
क्या न खाएं और क्या खाएं? | Uti Prevention Tips
यूटीआई के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना भी जरूरी है। संक्रमण के समय, संतरा, नींबू और लाइम जैसे अम्लीय फलों का सेवन करने से बचना चाहिए। इनमें मौजूद एसिड मूत्राशय में जलन पैदा कर सकता है, जिससे दर्द और असहजता बढ़ सकती है। हालांकि, एक बार जब संक्रमण ठीक हो जाए, तो आप अपने आहार में विटामिन सी से भरपूर फल जैसे अंगूर और स्ट्रॉबेरी शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा, पालक और हरी मिर्च जैसी सब्जियां भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती हैं, जिससे भविष्य में संक्रमण का खतरा कम होता है।