Health Tips: बिना सीजन वाले फल हो सकते हैं हानिकारक, फल खाएं लेकिन सोच-समझकर


Healthy Health Tips in Hindi: अच्छी सेहत के लिए सभी लोगों को नियमित रूप से फलों का सेवन करते रहने की सलाह दी जाती है। फल पौष्टिक तत्वों का खजाना होते हैं जिनकी आपको नियमित रूप से जरूरत होती है। ये हमारे शरीर को आवश्यक विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और ऐंटीऑक्सीडेंट्स प्रदान करते हैं, जो न केवल इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं बल्कि शरीर को कई बीमारियों से भी बचाते हैं। आहार विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि रोजाना आहार में मौसमी फलों को जरूर शामिल करना चाहिए, ताकि शरीर के लिए आवश्यक तत्वों की आसानी से पूर्ति की जा सके।
हालांकि बाजार से फल लाते समय कुछ सावधानियां बरतते रहना भी आपके लिए जरूरी है। बाजार में बेमौसम के फल मिलते हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि ये फल आपको फायदे की जगह नुकसान दे सकते हैं इसलिए फलों का चयन करते समय सावधानी बरतते रहना बहुत जरूरी है।
बेमौसम वाले फल खाने से बचें | Healthy Health Tips in Hindi
बेमौसम मिलने वाले फल जैसे सर्दियों में आम और तरबूज, गर्मियों में अमरूद, कीवी आपको लुभावने जरूर लग सकते हैं पर असल में इससे सेहत को कई प्रकार के नुकसान का खतरा भी रहता है इसलिए बेमौसम मिलने वाले फलों को खाने से बचना चाहिए। दरअसल, बेमौसम फलों को बाजार में उपलब्ध कराने के लिए अक्सर उनमें रसायन, कृत्रिम रंग और प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो शरीर में धीरे-धीरे विषाक्तता बढ़ाते हैं। इससे लिवर, किडनी और पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ? | Healthy Health Tips in Hindi
आहार विशेषज्ञ कहते हैं, आजकल बिना सीजन के मिलने वाले फलों के सेवन का चलन बढ़ रहा है। इससे सेहत को नुकसान पहुंचता है। फल सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इनमें कई तरह के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो शरीर को अलग- अलग तरह से लाभ पहुंचाते हैं। हालांकि अगर आप फलों का सेवन गलत समय पर और गलत मौसम में करते हैं तो ये सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान | Healthy Health Tips in Hindi
जब आप बिना मौसम वाले फलों का सेवन करते हैं तो इससे शरीर में कई तरह की दिक्कतें होने लगती है। इससे पाचन धीमा होने लगता है, साथ ही पेट से जुड़ी बीमारियां, जैसे गैस, एसिडिटी और पेट में दर्द हो सकता है। कई बार बाजार में मिलने वाले बिना मौसम के फलों को केमिकल्स से पकाया जाता है। इसके अलावा इन्हें ताजा रखने और दिखाने के लिए इन पर मोम और केमिकल्स की पॉलिश भी की जाती है। इनके सेवन से पीलिया या आंत की सूजन जैसी बीमारियों का खतरा हो जाता है। बेमौसम फलों के उत्पादन में रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे फल में जेनेटिक डिसऑर्डर, हार्मोनल परिवर्तन, असामान्य विकास के अलावा फल रंग-गंध और स्वाद में बदलाव आ जाता है। इससे कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।
कुछ सावधानियां जरूरी | Healthy Health Tips in Hindi
आहार विशेषज्ञ कहती हैं, हमेशा मौसमी फलों का ही सेवन करें। इसके अलावा फलों को खाने से पहले अच्छी तरह धोएं। इससे इन पर जमी केमिकल्स की परत साफ हो जाती है। इसके अलावा टॉक्सिन का प्रभाव भी कम होता है। सेब, नाशपाती जैसे फलों को छीलकर ही खाएं। मौसमी फलों का सेवन इसलिए फायदेमंद माना जाता है क्योंकि वे उस मौसम के अनुसार शरीर की जरूरतों को पूरा करते हैं। जैसे गर्मियों में तरबूज, खरबूजा और आम शरीर को ठंडक और हाइड्रेशन देते हैं, जबकि सर्दियों में संतरा, अमरूद और आंवला विटामिन सी की भरपूर मात्रा से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। वहीं, बेमौसम फल शरीर की जैविक लय से मेल नहीं खाते, जिससे एलर्जी, एसिडिटी या संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।





