Healthy Tips: पुरुषों में बढ़ रहा है प्रोस्टेट कैंसर का खतरा, ये आदतों हैं इसकी वजह

Prostate Cancer Males: प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले कैंसर में से एक है। यह प्रोस्टेट ग्रंथि में शुरू होता है, जो मूत्राशय के नीचे स्थित होती है और शुक्राणु द्रव का उत्पादन करती है। इस बीमारी के पीछे कई कारण हो सकते हैं, इन्हीं में से एक बड़ा कारण हमारी रोजमर्रा की कुछ गलत आदतें भी होती हैं, जिससे प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
अक्सर कुछ लोग इन जोखिमों को अनदेखा कर देते हैं, जिससे इस गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि समय रहते इन आदतों में सुधार करके और कुछ जरूरी सावधानियां बरतकर इस कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यह समझना बेहद जरूरी है कि कुछ सरल बदलावों को अपनाकर ही इस बीमारी के खतरे को नियंत्रित किया जा सकता है। आइए इसी के बारे में जानते हैं कि दिनचर्या के किन गलत आदतों की वजह से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ता है।
अनहेल्दी खान–पान प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ाता है | Prostate Cancer Males
ज्यादातर पुरुष फैट और लाल मांस से भरपूर आहार लेते हैं, जबकि फल, सब्जियां और फाइबर युक्त भोजन को नजरअंदाज कर देते हैं। इस तरह का अनहेल्दी खान-पान प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ाता है। इसके बजाय, टमाटर, ब्रोकोली, गोभी और सोया उत्पादों का सेवन बढ़ाना चाहिए। इनमें लाइकोपीन और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो प्रोस्टेट को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
सेडेंटरी लाइफस्टाइल भी एक मुख्य वजह | Prostate Cancer Males
आजकल की सेडेंटरी लाइफस्टाइल यानी शारीरिक निष्क्रियता मोटापे का कारण बनती है, जो प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को सीधे तौर पर बढ़ाती है। नियमित व्यायाम, जैसे तेज चलना, जॉगिंग या योग, न केवल वजन को नियंत्रित रखता है, बल्कि शरीर में सूजन को भी कम करता है, जिससे कैंसर का खतरा घटता है। हर दिन कम से कम 30 मिनट का व्यायाम जरूर करें।
धूम्रपान और शराब का सेवन | Prostate Cancer Males
धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन शरीर में सूजन और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे प्रोस्टेट कैंसर सहित कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इन हानिकारक आदतों को तुरंत छोड़ देना चाहिए। धूम्रपान करने वालों में इस कैंसर का खतरा न करने वालों की तुलना में अधिक पाया गया है।
नियमित जांच की अनदेखी | Prostate Cancer Males
40 की उम्र के बाद, खासकर अगर परिवार में कैंसर का इतिहास रहा हो, तो नियमित जांच करवाना बेहद जरूरी है। प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (पीएसए) टेस्ट और डिजिटल रेक्टल एग्जाम (डीआरई) जैसी जांचें प्रोस्टेट कैंसर का शुरुआती चरण में पता लगाने में मदद करती हैं, समय पर इस बीमारी का पता लगने पर प्रोस्टेट कैंसर का प्रभावी इलाज किया जा सकता है, जिससे रोग-मुक्त होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।