HMPV vs Flu: दोनों के ज्यादातर लक्षण एक जैसे, जानिए कैसे करें इनमें अंतर?

HMPV vs Flu: इन दिनों दुनियाभर के विशेषज्ञों के लिए ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) चिंता का कारण बना हुआ है। चीन से शुरू हुआ इस वायरस का संक्रमण अब तक भारत-अमेरिका सहित कई देशों में फैल चुका है। संक्रमण के ज्यादातर शिकार बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग हो रहे हैं। एचएमपीवी के संक्रमण की स्थिति में ज्यादातर लोगों में लक्षण हल्के स्तर की ही देखे जाते हैं और ये बिना उपचार के आसानी से ठीक भी हो जाता है। कोमोरबिडिटी के शिकार या फिर जिन लोगों को पहले से अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधित समस्याएं रही हैं उनमें इसके कारण रोग को गंभीर रूप लेने का जोखिम हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, एचएमपीवी पहले भी फैलता रहा है। इस बार वायरस में दो नए म्यूटेशन हुए हैं जिसके कारण इसमें कुछ परिवर्तन देखे जा रहे हैं। संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए इन्हीं म्यूटेशनों को जिम्मेदार माना जा रहा है।
पुराना वायरस है एचएमपीवी, सामान्य फ्लू जैसे ही हैं लक्षण! | Difference Between Normal Flu and HMPV Virus
अध्ययनकर्ता बताते हैं, एचएमपीवी हल्के स्तर के रोग वाला संक्रमण रहा है, जिसमें फ्लू जैसी समस्याएं (सर्दी-जुकाम, गले में खराश और बुखार होती हैं। चूंकि सर्दियों में फ्लू के मामले भी बढ़ जाते हैं, ऐसे में सवाल ये है कि सामान्य फ्लू और एचएमपीवी में कैसे अंतर किया जा सकता है? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं। श्वसन रोग विशेषज्ञ बताते हैं, एचएमपीवी पुराना वायरस है और पहले भी इसके मामले देखे जाते रहे हैं। कई बार बच्चों को ये संक्रमण हो जाता है और इसका पता भी नहीं चलता। वायरस और बैक्टीरिया की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्ट में कई बार एचएमपीवी पॉजिटिव आ जाता है। चूंकि इसके लक्षण फ्लू की तरह ही होते हैं, इसलिए इस खास संक्रमण पर ध्यान नहीं जाता है। इस बार चूंकि वायरस में म्यूटेशन हुआ है जिसके कारण इसकी संक्रामकता बढ़ी है, यही कारण है कि ये काफी चर्चा में भी है।

कैसे पहचानें, सामान्य फ्लू है या एचएमपीवी का संक्रमण? | Difference Between Normal Flu and HMPV Virus
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, एचएमपीवी एक आरएनए वायरस है जो समय के साथ-साथ म्यूटेट होता रहता है। इस श्वसन संक्रमण के अधिकतर लक्षण आरएसवी (रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस) और इन्फ्लूएंजा जैसे अन्य वायरसों के समान होते है। यही कारण है कि फ्लू की तरह एचएमपीवी के कारण भी लोगों में खांसी, गले में खराश, नाक बहने-बंद नाक और सांस लेने में तकलीफ जैसी दिकक्तें हो रही हैं। चूंकि सर्दी के मौसम में खांसी-जुकाम होना बहुत आम है, ऐसे में अगर किसी को इन दिनों फ्लू जैसी दिक्कतें हो रही हैं तो कैसे पता किया जाए कि ये सामान्य फ्लू है या एचएमपीवी का संक्रमण?
कैसे करें फ्लू और एचएमपीवी में अंतर? | Difference Between Normal Flu and HMPV Virus
श्वसन रोग विशेषज्ञ कहते हैं, एचएमपीवी और फ्लू दोनों ही श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं और एक जैसे लक्षण ही प्रकट करते हैं ऐसे में इनमें अंतर कर पाना कठिन हो सकता है। हालांकि कुछ चीजें हैं जो इन दोनों को अलग करती हैं। फ्लू किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है जबकि एचएमपीवी के अधिकतर मामले छोटे बच्चे, बुजुर्ग (65 वर्ष से अधिक) और कमजोर इम्युनिटी वालों में रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। हालांकि वयस्क भी इसका शिकार हो सकते हैं। एचएमपीवी के कारण अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मामले ट्रिगर हो सकते हैं जबकि फ्लू का स्थिति में इसका खतरा बहुत कम होता है।

एचएमपीवी से ऐसे करें बचाव | Difference Between Normal Flu and HMPV Virus
डॉक्टर बताते हैं, पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) टेस्ट को एचएमपीवी का पता लगाने के लिए सबसे विश्वसनीय तरीका माना जाता है, जो कुछ घंटों के भीतर सटीक परिणाम देता है। हालांकि, डॉक्टर सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण वाले सभी लोगों को इस परीक्षण का सुझाव नहीं देते हैं। कई बार बच्चों में वायरस और बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए किए जाने वाले बायोफायर टेस्ट में एचएमपीवी पॉजिटिव आ जाता है। चूंकि ये संक्रमण ज्यादातर मामलों में खुद से ठीक हो जाता है इसलिए बिना गंभीर स्थिति के किसी जांच की सलाह नहीं दी जाती है। श्वसन संक्रमण से बचाव के लिए किए जाने वाले उपायों की मदद से एचएमपीवी से भी बचाव किया जा सकता है।