अगर बार-बार एक महीने से पहले ही आ रहे हैं Periods तो हो जाएं सावधान, हो सकती है ये बीमारी!

महिलाओं में पीरियड्स आना आम बात है। लेकिन, अगर हर महीने तय समय से पहले ही पीरियड्स आ जाते हैं और यह सिलसिला एक महीने से अधिक चल रहा है तो इसे बिल्कुल भी हल्के में न लें। आमतौर पर महिलाओं का मासिक धर्म चक्र (Periods Cycle) 21 से 35 दिनों का होता है। अगर आपके पीरियड्स बार-बार, यानी हर 21 दिन से पहले ही आ रहे हैं तो इसे पोलीमेनोरिया (Polymenorrhea) कहते हैं। यह किसी अंदरूनी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
क्यों बार-बार आते हैं पीरियड्स? (Why do periods come so frequently?)
पीरियड्स का जल्दी-जल्दी आना कई वजहों से हो सकता है। कुछ कारण सामान्य होते हैं, लेकिन कुछ गंभीर बीमारियों की तरफ इशारा करते हैं.
हार्मोनल इम्बैलेंस- हार्मोन्स का असंतुलन।
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन- ये दो मुख्य हार्मोन हैं, जो पीरियड्स को कंट्रोल करते हैं। अगर इनमें गड़बड़ी होती है, तो पीरियड्स की टाइमिंग बिगड़ सकती है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम- यह आजकल की एक आम हार्मोनल समस्या है, जिसमें अंडाशय (ओवरी) में छोटी-छोटी गांठें (सिस्ट) बन जाती हैं। इससे पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और जल्दी-जल्दी भी आ सकते हैं।
थायरॉइड की समस्या- थायरॉइड हार्मोन का असंतुलन भी पीरियड्स पर असर डालता है। अगर थायरॉइड ठीक से काम नहीं कर रहा, तो पीरियड्स जल्दी और गड़बड़ हो सकते हैं।
तनाव और लाइफस्टाइल (Stress and Lifestyle)
मानसिक और शारीरिक तनाव- बहुत ज़्यादा स्ट्रेस लेने से हार्मोन पर असर पड़ता है, जिससे पीरियड्स समय से पहले आ सकते हैं।
वजन का बदलना- अचानक वजन बढ़ना या कम होना भी हार्मोन का संतुलन बिगाड़ सकता है, जिससे पीरियड्स की साइकल बिगड़ जाती है।
ज्यादा कसरत- बहुत ज्यादा और मुश्किल वाली एक्सरसाइज़ भी पीरियड्स को अनियमित कर सकती है।
गर्भाशय (बच्चेदानी) की समस्याएं (Uterus Problems)
गर्भाशय फाइब्रॉइड्स (गांठें)- ये बच्चेदानी में होने वाली बिना कैंसर वाली गांठें होती हैं, जो पीरियड्स को अनियमित कर सकती हैं और ज्यादा ब्लीडिंग का कारण बन सकती हैं।
पॉलिप्स- बच्चेदानी की अंदरूनी परत पर होने वाली छोटी, बिना कैंसर वाली ग्रोथ भी बार-बार ब्लीडिंग या पीरियड्स का कारण बन सकती हैं।
इंफेक्शन (संक्रमण) (Infection)
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज- यह प्रजनन अंगों का संक्रमण है, जिससे अनियमित ब्लीडिंग और बार-बार पीरियड्स आ सकते हैं।
यौन संचारित संक्रमण- कुछ यौन संचारित रोग भी अनियमित ब्लीडिंग का कारण बन सकते हैं।
गर्भनिरोधक तरीके (Contraceptive Methods)
गर्भनिरोधक गोलियां- कुछ तरह की गर्भनिरोधक गोलियां या इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन आपके पीरियड्स साइकल को कुछ समय के लिए गड़बड़ कर सकते हैं।
मेनोपॉज के आसपास (पेरिमेनोपॉज)- मेनोपॉज (पीरियड्स बंद होने) से कुछ साल पहले, महिलाओं के हार्मोन लेवल में उतार-चढ़ाव शुरू हो जाता है। इस दौरान पीरियड्स की साइकल छोटी या अनियमित हो सकती है।
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डॉक्टर को कब दिखाएं?
अगर आपको लगातार एक महीने से पहले ही पीरियड्स आ रहे हैं या इसके साथ कुछ और लक्षण भी दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना या ज्यादा दिनों तक ब्लीडिंग चलना।
पीरियड्स के साथ बहुत ज्यादा दर्द होना।
चक्कर आना, कमजोरी या बहुत ज्यादा थकान महसूस होना (खून की कमी के लक्षण)।
वजन में तेजी से बदलाव आना।
गर्दन में सूजन या चेहरे पर अनचाहे बाल आना जैसे हार्मोनल बदलाव के लक्षण।
अगर आपको लग रहा है कि आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं और फिर भी ब्लीडिंग हो रही है।
समय रहते डॉक्टर से सलाह लेने से सही वजह का पता चल पाएगा और जरूरत पड़ने पर सही इलाज शुरू हो सकेगा, जिससे आप किसी भी गंभीर बीमारी से बच सकती हैं।
अपनी सेहत को लेकर कोई भी लापरवाही न करें।