डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए बेहद जरूरी है कि उनकी शुगर कंट्रोल (Sugar Level) में रहे। आजकल कई लोग एक सिंपल से ब्लड टेस्ट की मदद से शुगर जांचने की मशीन घर पर ही रखते हैं। इसको इस्तेमाल करना भी बहुत आसान है। मशीन के साथ मिली एक छोटी सुई उंगली में चुभोनी होती है। खून की हल्की-सी बूंद मशीन के साथ मिली स्ट्रिप पर लगानी होती है। कुछ सेकंड बाद मशीन बता देती है कि शुगर कितनी है।
हालांकि, जो लोग घर पर ही शुगर लेवल चेक करते हैं तो उनको कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए। सैलूब्रिटास मेडसेंटर की जनरल फिजीशियर डॉक्टर सुनीता नागपाल ने बताया कि कई लोग घर पर ही इस मशीन से अपनी शुगर चेक करते हैं। लेकिन, साथ ही कुछ बहुत ही आम-सी गलतियां भी करते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि उनकी शुगर रीडिंग सही नहीं आती और उन्हें पता भी नहीं चलता। घर पर Sugar Level चेक करते समय ये सावधानियां बरतनी चाहिए।
पहली गलती
शुगर लेवल चेक करने से पहले हाथ को अच्छे से धोना चाहिए। कई बार लोगों के हाथ में गंदगी, एल्कोहल या शुगर लगी होती है। इससे रीडिंग गड़बड़ा सकती है। लिहाजा शुगर लेवल चेक करने से पहले हाथ को साबुन और पानी से अच्छी तरह साफ करें। फिर अपने हाथों को पोछें. जब हाथ सूख जाएं, तब ही ब्लड शुगर चेक करें।
दूसरी गलती
कई बार लोग शुगर चेक करने के लिए उंगली के साइड से खून लेते हैं। ये गलती न करें। अगर सटीक रिजल्ट चाहिए तो उंगली के बीच में से खून लें। फिंगरटिप वाले हिस्से से।
तीसरी गलती
अधिक या कम ब्लड लेने से भी शुगर लेवल पर असर पड़ सकता है। साथ ही, शुगर जांचने के लिए रोज एक ही उंगली से खून न निकालें। इससे उंगली में दर्द हो सकता है। उसमें चोट लग सकती है। अपना शुगर लेवल चेक करने के लिए हर दिन अलग उंगली का इस्तेमाल करें।
चौथी गलती
खाना खाने के तुरंत बाद ब्लड शुगर लेवल न जांचें। दरअसल, खाना खाने के बाद शुगर लेवल बढ़ा हुआ होता है, इसलिए खाने के लगभग 2 घंटे बाद ही अपना शुगर लेवल टेस्ट करें। या फिर जो समय डॉक्टर ने बताया है, उस टाइम चेक करें।
पांचवी गलती
अगर आप हाइड्रेटेड नहीं हैं यानी शरीर में पानी की कमी है तो भी शुगर लेवल बढ़ जाता है। लिहाजा अगर ब्लड शुगर मैनेज करनी है तो पानी खूब पिएं। अगर आप एक्सरसाइज करते हैं। चाय-कॉफी बहुत पीते हैं, तब तो हाइड्रेट रहना और भी ज्यादा जरूरी है।
छठी गलती
पुरानी स्ट्रिप्स का इस्तेमाल न करें। हर स्ट्रिप की एक एक्सपायरी डेट होती है। आमतौर पर, ये उसे खरीदने के 3 से 6 महीने के बीच की होती है। कई बार लोग एक्सपायरी डेट चेक नहीं करते या पुराने स्ट्रिप्स का इस्तेमाल करते हैं। इससे रिजल्ट गलत आ सकता है।