अगर आप डायबिटीज और ब्लड शुगर के मरीज हैं तो आपको अपनी डाइट को संतुलित रखना बेहद जरूरी होता है। आपको प्रयास करना चाहिए कि लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low Glycemic Index) वाली चीजों को खाएं, जिससे शुगर स्पाइक न हो। साथ ही उन फूड्स का सेवन करें, जोकि फाइबर और रफेज से भरपूर हैं। इसके अलावा प्रयास करें कि मेटाबोलिक रेट बढ़ाने वाली चीजों को खाएं।
ऐसी ही एक चीज है- लौकी। इसका सेवन आपके शरीर में मेटाबोलिक रेट को बढ़ाने में मददगार है। इसके अलावा इसका फाइबर और रफेज पाचन क्रिया को तेज करता है और ग्लूकोज ते प्रोडक्शन को कंट्रोल करता है। मगर, आपको लौकी ऐसे खाना चाहिए कि शरीर को इससे अधिक से अधिक फायदा मिल सके।
डायबिटीज में लौकी खाने के फायदे
तेजी से पचाता है शुगर
लौकी शुगर पचाने की गति को तेज करता है और पाचन क्रिया में तेजी लाता है। इसके अलावा ये इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ा देता है, जिससे शुगर अपने आप तेजी से पचने लगता है। इसके अलावा लौकी लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला है, जोकि आसानी से पच जाता है।
फास्टिंग ग्लूकोज भी रहेगा कंट्रोल
लौकी फास्टिंग ग्लूकोज को कंट्रोल करने में मदद करता है। फास्टिंग ग्लूकोज का एक बड़ा कारण लंबे समय तक रहने वाला कब्ज भी है जिसकी वजह से शुगर कंट्रोल करने में दिक्कत होती है। तो, जब आप लौकी का चोखा खाते हैं तो ये कब्ज की समस्या को कम करने में मदद करता है और फास्टिंग शुगर को कम करने में मदद करता है। तो, इन तमाम कारणों से डायबिटीज में लोगों को लौकी का चोखा खाना चाहिए।
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कैसे इस्तेमाल करें लौकी?
डायबिटीज के मरीजों को लौकी ऐसे खाना चाहिए कि इसके फाइबर और रफेज का नुकसान न हो। इसके अलावा लौकी का सेवन ऐसे करें कि इसमें पाए जाने वाला पानी का नुकसान न हो। जैसे डायबिटीज में आप लौकी का सेवन कई तरीकों से कर सकते हैं। आप इसका चोखा, सुप, जूस या फिर सब्जी के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आप इसका पराठा भी खा सकते हैं।