Heart से संबंधित इन आठ में से कोई तीन दिक्कतें भी हैं तो तुरंत हो जाएं सावधान, पढ़ें पूरी खबर

दुनियाभर में हृदय रोगों (Heart Disease) के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। 30 से कम उम्र के लोगों में भी हृदय रोग और इसके कारण होने वाली मौत के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज, युवा वयस्कों में हृदय रोगों का प्रमुख कारण है। इसे हार्ट अटैक के लगभग 80% मामलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण 20 की उम्र के व्यक्ति को भी हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर हो सकता है।
धूम्रपान, मोटापा, उच्च रक्तचाप और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे कारक इन समस्याओं को और भी बढ़ाने वाले हो सकते हैं। इसलिए ये मानकर चलना कि हृदय रोग सिर्फ उम्र बढ़ने पर होते हैं या कम उम्र वालों में इसका खतरा नहीं है, ये आपके लिए दिक्कतें बढ़ाने वाली हो सकती है।

हृदय रोगों के लिए कई कारण जिम्मेदार
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के विशेषज्ञ कहते हैं कि हृदय रोग युवा वयस्कों में अधिक देखे जा रहे हैं। कई जोखिम कारकों को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। इसमें धूम्रपान की आदत, हाई कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह और व्यायाम की कमी प्रमुख है। इसके इतर जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को हृदय रोगों की दिक्कत रही है यानी कि अगर आपमें हृदय रोगों की फैमिली हिस्ट्री रही है तो आपको और भी सावधान हो जाना चाहिए।कुछ जोखिम कारकों पर सभी लोगों को ध्यान देते रहना चाहिए, जिससे समय रहते हृदय की समस्याओं के बारे में जाना जा सके।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि हृदय रोग के कई जोखिम कारक हो सकते हैं, इसमें से आठ को प्रमुख माना जाता है। अगर आपको इन आठ में से कोई भी तीन-चार समस्या है तो आपको बहुत सतर्क हो जाना चाहिए। तुरंत किसी विशेषज्ञ से मिलकर अपनी समस्याओं का निदान और इसका उपचार जरूर प्राप्त करें।
हृदय रोगों को बढ़ाने वाली आठ दिक्कतें
50 से अधिक आयु- उम्र बढ़ने के साथ धमनियों के क्षतिग्रस्त और संकुचित होने का खतरा बढ़ जाता है, जो हृदय रोगों का कारण बन सकती हैं।
फैमिली हिस्ट्री- अगर आपके परिवार में हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास है तो अधिक सावधानी बरतें।
धूम्रपान की आदत- अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो इससे दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ सकता है।
अस्वास्थ्यकर आहार- वसा, नमक, चीनी और कोलेस्ट्रॉल से भरपूर आहार को हृदय रोग से जोड़ा गया है।
उच्च रक्तचाप- जिन लोगों का ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं रहता है उनमें हृदय रोग और हार्ट अटैक का खतरा अधिक हो सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल- हाई ब्लड प्रेशर की ही तरह हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी आपमें हृदय रोगों का कारण बन सकती है।
मधुमेह- डायबिटीज (मधुमेह) के शिकार लोगों में हृदय से संबंधित कई तरह की दिक्कतों और हार्ट अटैक का जोखिम अधिक देखा जाता है।
मोटापा- अधिक वजन या मोटापे की समस्या है तो भी सावधान हो जाइए, इससे भी आपमें खतरा बढ़ सकता है।
यह भी पढ़ें: इस कड़वे जूस में छिपा है Health का राज, हर रोज पीने से मिलेंगे कई लाभ
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि जो लोग शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहते हैं, व्यायाम नहीं करते हैं उनमें हृदय रोगों के मामले, नियमित व्यायाम करने वालों की तुलना में अधिक देखे जाते रहे हैं। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए भावनात्मक तनाव को नियंत्रित करना भी आवश्यक है। वैश्विक स्तर पर बढ़ती इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या को लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहना चाहिए। समय-समय पर डॉक्टरी सलाह लेते रहें, जिससे जोखिम कारकों का समय रहते निदान और उपचार किया जा सके।