इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने और ब्लड प्रेशर एवं फैट को कंट्रोल करने में मददगार माना जाता है, लेकिन यह डाइट प्लान महिलाओं के लिए उतना फायदेमंद नहीं होता है, ऐसा एक विशेषज्ञ का कहना है.
एडविना राज, आस्टर सीएमआई हॉस्पिटल, बेंगलुरु में क्लिनिकल न्यूट्रिशन और डायटेटिक्स की हेड ऑफ सर्विसेज का कहना है कि महिलाओं में इंटरमिटेंट फास्टिंग का स्वास्थ्य पर प्रभाव, पुरुषों की तुलना में अलग हो सकता है. एडविना ने बताया, “महिलाओं के हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन प्रभावित होते हैं और ये बदले में आपके पीरियड्स और फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकते हैं.”
महिलाओं को हो सकती हैं ये समस्याएं
“पीरियड्स के दौरान, हार्मोंस के बढ़ने और घटने को GnRH नामक एक अन्य हार्मोन द्वारा कंट्रोल किया जाता है. जब कोई महिला फास्टिंग करती है, तो GnRH हार्मोन गड़बड़ा जाता है, जिससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का संतुलन बिगड़ जाता है.
अब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन में गड़बड़ी के कारण महिलाओं को चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, सेक्स ड्राइव कम होना और नींद न आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.” जबकि इंटरमिटेंट फास्टिंग किसी भी महिला के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है. यह उन महिलाओं के लिए ज्यादा परेशानी खड़ी कर सकती है जो गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं.
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गर्भधारण कर रहीं हैं तो ध्यान रखें ये बात
डायटीशियन ने आईएएनएस को बताया कि गर्भधारण करने की कोशिश कर रहीं महिलाओं को फास्टिंग से बचना चाहिए क्योंकि यह ओव्यूलेशन रेट को कम कर सकता है और गर्भवती होने में मुश्किलें पैदा कर सकता है. उन्होंने आगे कहा, “यह सलाह दी जाती है कि जो महिलाएं गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं उन्हें फास्टिंग नहीं करनी चाहिए. क्योंकि शरीर को बच्चे के लिए या दूध के उत्पादन के लिए अतिरिक्त ईंधन की आवश्यकता होती है.”
इसके अलावा, यह डाइट प्लान खाने के विकार वाली महिलाओं के लिए भी मददगार नहीं हो सकता है. क्योंकि यह अस्वस्थ खाने की आदतों को बढ़ावा दे सकता है और साथ ही दवाइयां ले रहीं महिलाओं के लिए भी उपयुक्त नहीं है क्योंकि फास्टिंग कुछ दवाओं के असर को रोक सकता है.
तो फिर उपाय क्या है?
विशेषज्ञ ने कहा कि “ऐसा कोई नियम नहीं है कि महिलाएं कभी इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं कर सकतीं. थोड़ी सी सावधानी के साथ महिलाएं भी अपने स्वास्थ्य को प्रभावित किए बिना इसका लाभ उठा सकती हैं.”
डाइट में शामिल करें ये चीजें
उन्होंने 12 घंटे के फास्ट से शुरुआत करने और फिर हर हफ्ते इसे 2 घंटे बढ़ाने का सुझाव दिया. साथ ही, खाने की अवधि के दौरान स्वस्थ भोजन करना चाहिए और अपने आहार में लीन प्रोटीन, फल, सब्जियां, साबुत अनाज शामिल करना चाहिए और प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए.
एडविना ने आईएएनएस को बताया, “मासिक चक्र के दौरान फास्टिंग करने का सबसे अच्छा समय आपके पीरियड्स शुरू होने के एक या दो दिन बाद या एक हफ्ते बाद का होता है. अपना फास्ट तोड़ने के लिए हाई-प्रोटीन या हाई-फाइबर मील लें. इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करने से पहले किसी registered dietitian से सलाह लें.”