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International Meditation Day 2024: जान लें आपके लिए कौन सी ध्यान मुद्रा सबसे अच्छी हो सकती है

International Meditation Day 2024: मन को शांत, एकाग्र और खुश रखने के लिए ध्यान को सबसे अच्छा माना गया है। भारत में हजारों सालों से ध्यान और योग को जीवन में शामिल किया जाता रहा है। साधू, संत और ऋषि मुनि आज भी ध्यान में लीन रहते हैं। ध्यान सिर्फ योग ही नहीं है बल्कि जीवन को सही तरीके से जीने का एक जरिया है। हालांकि अलग अलग व्यक्ति के लिए ध्यान की अलग मुद्राएं फायदेमंद साबित हो सकती हैं। आइये जानते हैं ध्यान कितने प्रकार का होता है और आपके लिए ध्यान की कौन सी मुद्रा फायदेमंद होगी?
ध्यान के प्रकार (Types Of Meditation)
- माइंडफुलनेस मेडिटेशन– ध्यान की शुरुआत आपको माइंडफुलनेस मेडिटेशन के साथ करनी चाहिए। जिसमें आप अपने वर्तमान क्षणों को कंट्रोल करते हैं। इस ध्यान मुद्रा में आप अपने विचारों, भावनाओं और शारीरिक संवेदनाओं का निरीक्षण करते हैं और उन्हें कंट्रोल करते हैं। इसमें सांस और विचारों को कंट्रोल करके ध्यान केंद्रित किया जाता है। इससे तनाव कम होता है और सेहत में सुधार आता है।

- करुणा ध्यान– करुणा ध्यान का उद्देश्य अपने और दूसरों के प्रति प्रेम, दया और करुणा की भावनाएं विकसित करना है। इसमें अपने प्रिय या किसी भी ऐसे इंसान के लिए सद्भावना की भावनाएं व्यक्त करना सीखते हैं जिससे हमारे रिश्ते मुश्किल हों। इसमें सहानुभूति बढ़ाने, प्यार बढ़ाने और नकारात्मक चीजों से बाहर निकलना सिखाया जाता है। इससे जुड़ाव की भावना विकसित होती है।

- एकाग्रता ध्यान– ये ध्यान की ऐसी मुद्रा है जिसमें एक ही बिंदु की ओर ध्यान कंद्रित किया जाता है। जैसे आपको मोमबत्ती की लौ को देखना है। किसी आवाज या सांस पर ध्यान केंद्रित करना है। ये आपको डेली लाइफ में ध्यान और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। ये स्टूडेंट्स के लिए अच्छी ध्यान मुद्रा मानी जाती है।

- जेन ध्यान– ज़ेन ध्यान या ज़ज़ेन, जेन बौद्ध धर्म के लिए ध्यान की एक मुद्रा है। इसमें आपको एक विशिष्ट मुद्रा में बैठना है। सांस पर ध्यान केंद्रित करते हैं और विचारों और संवेदनाओं को देखते हैं। ज़ज़ेन शांति और अंतर्दृष्टि की गहन भावना के लिए जरूरी ध्यान मुद्रा है।

- विपश्यना ध्यान– विपश्यना , जिसका अर्थ है ‘चीजों को वैसा ही देखना जैसा वे वास्तव में हैं’ इसे भारत की सबसे प्राचीन ध्यान तकनीकों में से एक माना गया है। इसमें मन और शरीर के बीच गहरे संबंध पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इससे ज्ञान और मुक्ति की ओर आगे बढ़ा जाता है। ये काफी चुनौतीपूर्ण ध्यानमुद्रा है जिससे शरीर और मन को कई फायदे भी मिलते हैं।

- प्रेम–दया ध्यान– प्रेमपूर्ण दया, या मेटा मेडिटेशन में आपको सभी प्राणियों के प्रति बिना किसी शर्त के प्रेम और दया का रवैया विकसित करना सिखाया जाता है। इसमें अपने, घर परिवार, रिश्तेदारों और दुश्मनों के प्रति भी प्यार की भावना पैदा करना सिखाया जाता है। इस ध्यान अभ्यास से क्रोध और चुनौतियों से लड़ने के बारे में सिखाया जाता है। इसमें दूसरों को खुशी, कल्याण और शांति की कामनाएं भेजना शामिल है। इससे आपके मन में प्यार बढ़ता है।

- मंत्र ध्यान– मंत्र ध्यान में मन को एकाग्र करने और ध्यान की गहरी अवस्था लाने के लिए किसी शब्द या वाक्यांश को मौन रहते हुए दोहराया जाता है। यानि आप किसी एक मंत्र का जाप करते हुए अपनी सारी शक्ति और ध्यान उसी पर लगा देते हैं। दुनिया भर में कई आध्यात्मिक परंपराओं में इस ध्यान को शामिल किया जाता है। इससे मन को शांत करने, तनाव को कम करने और आध्यात्मिक विकास और शांति की भावना को बढ़ाने में मदद मिलती है।
