International Women’s Day 2025: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की शारीरिक, मानसिक और प्रतिरक्षा शक्ति का वैज्ञानिक और ऐतिहासिक रूप से अध्ययन करना आवश्यक है। आधुनिक शोध यह दर्शाते हैं कि महिलाएँ शारीरिक सहनशक्ति (Physical Endurance), रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity), दीर्घायु (Longevity), और संज्ञानात्मक दक्षता (Cognitive Efficiency) के मामले में पुरुषों की तुलना में अधिक सक्षम होती हैं। इसी के साथ, प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी महिलाओं की इस शक्ति को वर्णित किया गया है।
वैज्ञानिक शोध और आंकड़ों के आधार पर महिलाओं की जैविक श्रेष्ठता
दर्द सहन करने की अधिक क्षमता (Higher Pain Tolerance): The Journal of Neuroscience (2021, Volume 41, Issue 5, Page 1025-1035) के अनुसार, महिलाओं में एस्ट्रोजन (Estrogen) हार्मोन दर्द सहन करने की क्षमता को बढ़ाता है। Harvard Medical School, Neuroscience Report (2020) के अनुसार, महिलाओं की एंडोर्फिन (Endorphins) और एनकैफेलिन (Enkephalin) उत्पादन क्षमता पुरुषों से 25-30% अधिक होती है।
बेहतर हृदय स्वास्थ्य (Superior Cardiovascular System): The American Journal of Physiology (2020, Vol. 318, Issue 2, Page 456-470) के शोध के अनुसार, महिलाओं का हृदय अधिक लचीला होता है और रक्त संचार बेहतर होता है। Cardiology Research and Practice (2021, Vol. 2021, Article ID 6627467) के अनुसार, महिलाओं में हृदय रोगों (Cardiovascular Diseases) का जोखिम पुरुषों की तुलना में 30-40% कम पाया गया है।
दीर्घायु और कोशिकीय पुनर्जीवन (Longevity and Cellular Regeneration): World Health Organization (WHO, 2022) के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक औसत में महिलाओं की जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) पुरुषों से 5-7 वर्ष अधिक होती है। Cell Metabolism (2022, Vol. 34, Issue 6, Page 1029-1042) के अनुसार, महिलाओं के टेलोमीयर (Telomeres) का क्षरण पुरुषों की तुलना में धीमा होता है।
उच्च मस्तिष्क दक्षता और संज्ञानात्मक शक्ति (Higher Brain Efficiency and Cognitive Power): Proceedings of the National Academy of Sciences (PNAS, 2021, Vol. 118, Issue 22, Article e2021234118) के अनुसार, महिलाओं के मस्तिष्क में कॉर्पस कॉलोसम (Corpus Callosum) की मोटाई अधिक होती है, जिससे उनकी मल्टीटास्किंग और समस्या समाधान क्षमताएँ अधिक प्रभावी होती हैं। Harvard University, Neuroscience Study (2020, Page 230-245) के अनुसार, महिलाओं का मस्तिष्क रक्त प्रवाह (Cerebral Blood Flow) पुरुषों की तुलना में 20% अधिक होता है।
मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता (Stronger Immune System): Nature Immunology (2021, Vol. 22, Issue 4, Page 365-379) के अनुसार, महिलाओं में टोल-लाइक रिसेप्टर्स (Toll-Like Receptors, TLRs) अधिक सक्रिय होते हैं, जिससे वे संक्रमण और वायरल रोगों से अधिक सुरक्षित रहती हैं। The Lancet (2023, Vol. 401, Issue 10374, Page 556-568) के अनुसार, महिलाओं की कोविड-19 से मृत्यु दर (Mortality Rate) पुरुषों की तुलना में 50% कम थी।
प्राचीन भारतीय ग्रंथों में महिलाओं की जैविक श्रेष्ठता का वर्णन
अथर्ववेद (Atharvaveda, कांड 14, सूक्त 1, मंत्र 6): “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।” (अर्थ: जहाँ महिलाओं का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं।)
चरक संहिता (Charaka Samhita, सूत्रस्थान, अध्याय 30, श्लोक 26): “स्त्रीणां शरीरं सौम्यम्, तेन ते दीर्घजीविनः।”(अर्थ: महिलाओं का शरीर सौम्य प्रकृति का होता है, जिससे वे दीर्घायु होती हैं।)इस ग्रंथ में महिलाओं की धैर्यशक्ति और पुनरुत्थान शक्ति को पुरुषों से श्रेष्ठ बताया गया है।
सुश्रुत संहिता (Sushruta Samhita, सूत्रस्थान, अध्याय 35, श्लोक 12): “नारीणां रक्तसंचारः स्वाभाविकं तीव्रतरः।” (अर्थ: महिलाओं का रक्त संचार स्वाभाविक रूप से अधिक प्रभावी होता है।) इसमें बताया गया है कि महिलाओं की ऊर्जा संचित करने की क्षमता (Energy Conservation Capacity) पुरुषों से अधिक होती है।
महाभारत (Mahabharata, अनुशासन पर्व, अध्याय 146, श्लोक 17): “नारी हि श्रेष्ठा लोकस्य जननी च धारिणी च।”(अर्थ: नारी संसार की श्रेष्ठतम रचना है, वह जननी है और धारण करने वाली शक्ति है।) इस श्लोक में महिलाओं की शारीरिक सहनशक्ति (Physical Endurance) और सृजन क्षमता (Reproductive Strength) को पुरुषों से श्रेष्ठ बताया गया है।
जैविक श्रेष्ठता के बावजूद समाज में समानता आवश्यक
वैज्ञानिक शोध और प्राचीन भारतीय ग्रंथ दोनों ही इस बात की पुष्टि करते हैं कि महिलाएँ शारीरिक, मानसिक, और जैविक रूप से पुरुषों की तुलना में अधिक सक्षम होती हैं। हालांकि, यह श्रेष्ठता महिलाओं को पुरुषों से श्रेष्ठ बनाने का विषय नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि पुरुष और महिलाएँ एक-दूसरे के पूरक हैं।
- महिलाओं की जैविक शक्ति को पहचानकर उन्हें समान अवसर देना आवश्यक है।
- शिक्षा, स्वास्थ्य और कार्यक्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए।
- महिलाओं के प्रति सामाजिक पूर्वाग्रह (Social Biases) को दूर कर समानता और सम्मान की संस्कृति को अपनाना चाहिए।
“समानता प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि एक-दूसरे के गुणों को पहचानकर आगे बढ़ने का मार्ग है।”
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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