माता पिता बनना हर कपल्स की सबसे बड़ी इच्छा होती है. लेकिन कई बार कुछ समस्याओं की वजह से कपल्स बच्चे को जन्म देने में असमर्थ हो जाते हैं. ऐसे में ये दंपति मेडिकल का सहारा लेते हैं. मां बनने के लिए आईवीएफ सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली तकनीक है. आईवीएफ ट्रीटमेंट’ जो कि बांझपन की समस्या को दूर करता है.
‘आईवीएफ’ क्या है
जब किसी महिला और पुरुष में से किसी में कोई समस्या होती है, तब बच्चा नहीं हो पाता. तब डॉक्टर एक खास इलाज करते हैं जिसे ‘आईवीएफ’ कहते हैं. आईवीएफ को टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से भी जाना जाता है. इसमें महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणुओं को बाहर निकाल कर लैब में रखा जाता है. फिर उन्हें वहां मिला दिया जाता है. ऐसा करने से एक नया भ्रूण बनता है. इस भ्रूण को फिर से औरत के पेट में डाल दिया जाता है. इस तरह वह गर्भवती होकर बच्चे को जन्म दे सकती है. आईवीएफ सफलता की दर अच्छी है और बहुत से दम्पति इसकी मदद से माता-पिता बने हैं.
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आईवीएफ से प्रेग्नेंसी में कितना समय लगता है
आईवीएफ एक बेहद सफल प्रजनन तकनीक है जिसके द्वारा बहुत सी कपल्स को प्रेगनेंसी की सफलता मिली है. आईवीएफ चक्र शुरू करने से लेकर प्रेगनेंसी टेस्ट के पॉजिटिव होने तक का समय आमतौर पर 4 से 6 सप्ताह का होता है. इसके बाद भ्रूण के अंदरूनी विकास के हिसाब से प्रेगनेंसी की अवधि आगे बढ़ती जाती है. आईवीएफ चक्र में महिला को हार्मोन इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि अंडोत्सर्ग प्रेरित किया जा सके. उसके बाद पुरुष की शुक्राणुओं से अंडे को जोड़ा जाता है और उसे महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है. फिर प्रेगनेंसी टेस्ट से पुष्टि की जाती है.
कितना आता है खर्च
आईवीएफ का खर्चा अस्पताल, शहर और इलाज के प्रकार पर निर्भर करता है. आमतौर पर भारत में आईवीएफ करवाने का खर्च 1.5 लाख रुपए से 2 लाख रुपए के बीच होता है. लेकिन कई बार प्रयास करने पड़ते हैं तो यह खर्च 2-5 लाख तक जा सकता है. खर्च में इलाज, दवाएं, टेस्ट, अस्पताल का किराया आदि शामिल होता है. इसलिए पहले अस्पताल से पूरी जानकारी कर लेनी चाहिए कि कितना खर्च आएगा. बीमा कंपनियां भी अब आईवीएफ के लिए कवरेज प्रदान करने लगी हैं.
आईवीएफ का सही समय कब है
महिला की उम्र – 30 से 35 साल की उम्र तक आईवीएफ के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है क्योंकि इस उम्र में अंडों की गुणवत्ता बेहतर होती है.
पुरुष की उम्र – पुरुषों की उम्र 40-45 साल तक आईवीएफ के लिए ठीक रहती है क्योंकि शुक्राणुओं की गुणवत्ता इस उम्र तक अच्छी बनी रहती है.
माहवारी का सही समय – आईवीएफ प्रक्रिया के लिए माहवारी के 10वें दिन से लेकर 20वें दिन के बीच का समय सबसे उपयुक्त होता है.