दक्षिण भारतीय राज्य केरल में पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश और जल जमाव के कारण लोगों का जीवन काफी प्रभावित हुआ है। इसकी वजह से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी खड़ी हो गई हैं। केरल के कुछ जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस नामक बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य में लेप्टोस्पायरोसिस के कारण अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है। आइए, जानते हैं क्या हैx इस बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) में केरल के कुछ जिलों में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, केरल में 29 मई तक बारिश होने की संभावना है।
क्या है लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी?
लेप्टोस्पायरोसिस एक तरह का जूनोटिक रोग है यानी यह इंसानों और जानवरों के बीच फैलने वाली बीमारी है। यह बीमारी लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया के कारण होती है। दूषित पानी के संपर्क में आने के कारण यह संक्रमण तेजी से फैल सकता है। इसके लक्षणों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है क्योंकि समय पर इलाज न मिलने से यह बीमारी गंभीर रूप से फैल सकती है। यहां तक कि मरीज की जान भी जा सकती है।
लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण
लेप्टोस्पायरोसिस बुखार के लक्षणों की समय पर पहचान करना जरूरी है। इसके लक्षणों में शामिल हैं –
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- तेज बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- उल्टी और मतली
- ठंड लगना
- दस्त लगना
- भूख कम लगना
- पीलिया
- सांस लेने में तकलीफ
- नाक से खून बहना
- आंखों से पानी आना और जलन होना
लेप्टोस्पायरोसिस से बचाव के लिये करें ये काम
- जानवरों से दूर रहें।
- अपने आसपास साफ-सफाई रखें।
- दूषित पानी के संपर्क में आने से बचें।
- पूल, तालाब और नदी में जाने से बचें।
- पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें।
- बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- अगर त्वचा पर कोई घाव है, तो उसे कवर करके रखें।