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Liver Disease: देश में हर तीसरा व्यक्ति इस बीमारी का शिकार, जिंदगियां हो रहीं बर्बाद!

Liver Disease in India: लिवर की बीमारियों का खतरा सभी उम्र के लोगों में देखा जा रहा है। बच्चे हों या बुजुर्ग सभी इसका शिकार पाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लाइफस्टाइल और खान-पान की गड़बड़ी ने लिवर से संबंधित समस्याओं को काफी बढ़ा दिया है। देश की एक बड़ी युवा आबादी लिवर में फैट बढ़ने (फैटी लिवर) की समस्या से परेशान है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में हर तीसरे व्यक्ति को फैटी लिवर डिजीज की समस्या हो सकती है।

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मधुमेह और अन्य मेटाबॉलिक विकारों के कारण होने वाली इस बीमारी का खतरा उन लोगों में भी तेजी से बढ़ाता हुआ देखा जा रहा है, जो लोग शराब भी नहीं पीते हैं। पिछले साल राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने सभी देशवासियों को इस बढ़ते खतरे से बचाव के लिए निरंतर प्रयास करते रहने की सलाह दी थी। फैटी लिवर की समस्या से कैसे बचा जा सकता है, इसको लेकर हाल ही में किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कारगर तरीका बताया है जिसकी मदद से आप लिवर की इस बीमारी के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

मैग्नीशियम वाली चीजें कम करती हैं लिवर की समस्याएं | Liver Disease in India

अमेरिका के फ्लोरिडा शहर स्थित एक अस्पताल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. जोसेफ सलहब ने बताया कि मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों को नियमित आहार का हिस्सा बनाकर लिवर के कार्यों को ठीक रखने और फैटी लिवर जैसी समस्या से बचे रहने में मदद मिल सकती है। एक पोस्ट में उन्होंने मैग्नीशियम से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताया है। अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग अधिक मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ खाते हैं, उनमें फैटी लीवर का जोखिम कम होता है।

सूजन कम करता है मैग्नीशियम | Liver Disease in India

अध्ययनों से पता चलता है कि आहार में मैग्नीशियम वाली चीजों को शामिल करने के कई लाभ हैं। विशेष रूप से फैटी लीवर रोग के मामलों में ये इंफ्लेमेशन, इंसुलिन प्रतिरोध और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है। इन सभी स्थितियों को लिवर की सेहत को प्रभावित करने वाला पाया गया है। शोध से पता चलता है कि पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम वाले आहार सेवन या डॉक्टरी सलाह पर इसके सप्लीमेंट्स लेना फैटी लिवर रोग की प्रगति को धीमा कर सकती है, जिससे संबंधित जटिलताओं का भी जोखिम कम होता है।

नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से बचाव | Liver Disease in India

मैग्नीशियम शरीर में सूजन प्रतिक्रियाओं को विनियमित करने में एक भूमिका निभाता है। सूजन की स्थिति को सीधे तौर पर नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (बिना शराब के लिवर में फैट बढ़ने की बीमारी) को बढ़ाने वाला पाया गया है। अब सवाल ये उठाता है कि लिवर की बीमारियों से बचे रहने और फैटी लिवर की समस्या को कम करने के लिए किन चीजों का सेवन किया जा सकता है जिनसे शरीर के लिए आवश्यक मात्रा में मैग्नीशियम की पूर्ति हो सकती है?

मैग्नीशियम की जरूरत और इसके स्रोत | Liver Disease in India

आहार विशेषज्ञ बताते हैं, नियमित रूप से हमें आहार के माध्यम से 400-420 मिलीग्राम तक मैग्नीशियम की आवश्कता होती है। कद्दू के बीज में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है, इसे दैनिक रूप से आहार का हिस्सा बनाया जा सकता है। इसके अलावा पालक, बीन्स, डार्क चॉकलेट, बादाम-काजू से नट्स का सेवन करके भी मैग्नीशियम की पूर्ति की जा सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लिवर से संबंधित इस तरह की गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि आप वजन को कंट्रोल रखें। स्वस्थ आहार लें जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा भरपूर मात्रा में हो। इसके अलावा शराब, चीनी और नमक की सेवन कम से कम करें।

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