Lucknow News: 11 अगस्त को मनाया जायेगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
एक से 19 साल के लगभग 21.51 लाख बच्चों को पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाने का लक्ष्य

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 11 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन होगा जिसके तहत एक से 19 साल की आयु के बच्चों/किशोर/किशोरियों को पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। इसी को विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन के निर्देशन में जिला विकास अधिकारी अजीत सिंह की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित हुई। जिला विकास अधिकारी ने कहा कि शिक्षा विभाग और आईसीडीएस सुनिश्चित करें कि समय से सीएचसी से दवा ले लें और सभी बच्चों को दवा अपने सामने ही खिलायें। दवा खाली पेट नहीं खिलानी है।शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करना सुनिश्चित करें।
नोडल अधिकारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने दी जानकारी
नोडल अधिकारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि एक से 19 साल की आयु के लगभग 21.51 लाख बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। एनडीडी साल में दो बार आयोजित होता है। फरवरी और अगस्त में। एक से छह साल तक की आयु के सभी पंजीकृत, गैर पंजीकृत बच्चों तथा छह से 19 वर्ष तक के स्कूल न जाने वाले बच्चों, ईंट भट्टों पर कार्य करने वाले श्रमिक एवं घुमंतू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी। छह से 19 वर्ष तक के सभी छात्र-छात्राओं को सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके साथ ही कस्तूरबा विद्यालयों, बाल सुधार गृह, में भी दवा खिलाई जाएगी।
उन्होंने बताया, एक से दो साल के बच्चों को एल्बेंडाजोल की 400 मिलीग्राम की आधी गोली तथा दो से 19 वर्ष के बच्चों को 400 मिलीग्राम की पूरी गोली खिलाई जानी है। गोली को चबाकर अथवा पीसकर पानी के साथ खिलाना है। बाद में खाने के लिए नहीं देनी है। जो बच्चे किसी कारण वश दवा खाने से रह जाते हैं उन्हें 14 अगस्त को माप अप राउंड के तहत दवा खिलाई जाएगी। दवा सेवन के बाद चक्कर आना, सर दर्द जैसी समस्या हो सकती है, घबराए नहीं। बच्चे को खुली हवा में लिटा दें। थोड़ी देर में बच्चा ठीक हो जायेगा।
यह लोग रहे उपस्थित
इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एमएच सिद्दीकी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. निशांत निर्वाण, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु प्रताप, सभी सीएचसी के अधीक्षक, डीईआई सी मैनेजर डॉ. गौरव सक्सेना, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, शिक्षा विभाग, पंचायती राज आईसीडीएस, नगर विकास विभाग, निजी विद्यालय, सहयोगी संस्था एविडेंस एक्शन और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफॉर) के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
क्या होते हैं कृमि संक्रमण के लक्षण?
गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे दस्त पेट में दर्द कमजोरी उल्टी और भूख ना लगना। बच्चों में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी लक्षण उतने ही अधिक होंगे। हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। कृमि मनुष्य की आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्व को खा जाते हैं कृमि संक्रमण से बचाव का सुरक्षित और लाभकारी तरीका है– एल्बेंडाजोल का सेवन।
एल्बेंडाजोल के फायदे
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-स्वास्थ्य और पोषण में सुधार।
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-रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि।
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-एनीमिया नियंत्रण।
कृमि संक्रमण से बचाव के तरीके
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-नाखून साफ और छोटे रखें
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-हमेशा साफ पानी पीयें
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-खाने को ढक कर रखें
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-साफ पानी से फल व सब्जियां धोएं
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-आसपास सफाई रखें
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-जूते पहने
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-खुले में शौच न करें,हमेशा शौचालय का प्रयोग करें, अपने हाथ साबुन से धोएं विशेष कर खाने से पहले और शौच जाने के बाद।