मनमोहन सिंह की हुई थी Heart Bypass Surgery, जानिए कब पड़ती है इसकी जरूरत?

Heart Bypass Surgery: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 26 दिसंबर को दिल्ली के ऑल इंडिया मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में अंतिम सांस ली। उनको श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा देश में सात दिनों के लिए राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया। बता दें कि मनमोहन सिंह बढ़ती उम्र के कारण कई बीमारियों से जूझ रहे थे। हालांकि, सन् 1990 और साल 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री की हार्ट बाईपास सर्जरी (Heart Bypass Surgery) भी हुई थी।

कब करवानी पड़ती है Heart Bypass Surgery?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जब हार्ट में किसी तरह की ब्लॉकेज का पता चलता है तो हार्ट बाईपास सर्जरी करवानी पड़ती है। मनमोहन सिंह काफी समय से दिल से जुड़ी बीमारियों का शिकार थे। सन् 1990 में पूर्व प्रधानमंत्री की बाईपास सर्जरी हुई थी। इसके बाद साल 2003 में उनकी एंजियोप्लास्टी भी हुई थी। एंजियोप्लास्टी, स्टेंट इम्प्लांटेशन के लिए की जाती है।
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Blood Circulation को ठीक करने में कारगर
दिल की कोरोनरी धमनियों में ब्लॉक हुए ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने के लिए बाईपास सर्जरी की सहायता ली जाती है। इस प्रोसेस को हार्ट बाईपास सर्जरी और डॉक्टर्स की भाषा में कोरोनरी धमनी बायपास ग्राफ्टिंग (CABG) कहा जाता है। अगर ये सर्जरी सफल होती है तो ब्लड और ऑक्सीजन, दोनों आपके दिल तक सही तरीके से पहुंच पाते हैं, जिसके बाद आप हेल्दी लाइफ जी सकते हैं।

हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है कम
हार्ट बाईपास सर्जरी के बाद हार्ट अटैक (Heart Attack) या फिर हार्ट रिलेटेड डिजीज (Heart Disease) का खतरा कम हो सकता है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खान-पान के कारण कम उम्र में ही लोगों के दिल की सेहत डैमेज होने लगी है। दिल से जुड़ी बीमारियों से होने वाली मौत के मामले वाकई में चिंता का विषय हैं।