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Measles Outbreak: अमेरिका में मामले 700 पार, विशेषज्ञों ने किया सावधान!

Measles Outbreak: दुनिया के कई देश इन दिनों गंभीर वायरल संक्रमण की चपेट में हैं। सबसे प्रभावित देश है अमेरिका, जहां इस साल की शुरुआत से ही मीजल्स (खसरा) का प्रकोप तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में खसरे के मामले शुक्रवार को 700 से ऊपर पहुंच गए हैं। बच्चे इस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित देखे जा रहे हैं, कई रोगियों को अस्पतालों में भी भर्ती करने की जरूरत पड़ी है।

अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के सचिव रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने एक बैठक में दावा किया है कि खसरे के मामले राष्ट्रीय स्तर पर फिलहाल स्थिर हो रहे हैं, लेकिन वायरस ज्यादातर उन लोगों में फैल रहा है जो बिना टीकाकरण वाले हैं। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने एक टीम को वेस्ट टेक्सास में फिर से तैनात किया है, ताकि लोगों का टीकाकरण किया जा सके और संक्रमण बढ़ने की रफ्तार को कंट्रोल किया जा सके। आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि अमेरिका में साल 2024 की तुलना में इस बार खसरा के मामले दोगुने से अधिक हैं।

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बढ़े खसरा के मामले, स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित | Measles Outbreak

अमेरिका के 25 से अधिक स्टेट्स (अमेरिका में राज्य नहीं होता है, वहां स्टेट बोला जाता है, जैसे कैलिफोर्निया स्टेट है) में जिस तरह से खसरा के मामले बढ़ रहे हैं उसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। वायरस उन अमेरिकी समुदायों में गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न कर सकता है जहां पर टीकाकरण की दर काफी कम रही है। अगर ऐसा हुआ तो ये प्रकोप एक साल या इससे भी अधिक समय तक जारी रह सकता है। पिछले छह महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि यूएस-यूके सहित कई देशों में मीजल्स के मामलों में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हाल के महीनों में भारत में भी इस रोग के मामले जिस तरह से बढ़ते हुए रिपोर्ट किए गए हैं उसको लेकर विशेषज्ञों ने अलर्ट किया था।

साल 2023 से ही खसरे का प्रकोप दुनियाभर में बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और सी.डी.सी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन 57 देशों में से एक है, जहां 2023 में खसरे के बड़े पैमाने पर प्रकोप देखे गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर संक्रमण की घटनाओं में 20% की वृद्धि हुई है, 2023 में खसरे के 10.3 मिलियन मामले दर्ज किए गए।

भारत में भी कोविड के बाद बढ़े थे मामले | Measles Outbreak

भारत, दशकों से इस गंभीर बीमार से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक रहा है, हालांकि टीकाकरण को बढ़ावा देकर इस रोग के जोखिमों को पिछले वर्षों में काफी कम कर दिया गया था। आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 से 2021 के बीच भारत में खसरे के मामलों में 62% की गिरावट आई, इस दौरान प्रति दस लाख जनसंख्या पर 10.4 से घटकर 4 मामले रह गए थे। हालांकि महामारी के दौरान राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान पर भी असर देखा गया जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे खसरे के टीके से चूक गए। लिहाजा देश के कई हिस्सों से पिछले दिनों बच्चों में खसरा के मामले बढते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं।

खसरा से बचाव के लिए वैक्सीनेशन जरूरी | Measles Outbreak

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, खसरे से बचने का सबसे अच्छा तरीका मीजल्स, मम्प्स और रूबेला (एमएमआर) वैक्सीन लगवाना है। पहला टीका 12 से 15 महीने के बच्चों और दूसरा टीका 4 से 6 साल के बच्चों को लगवाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा संक्रमण के उच्च जोखिम वाले लोग जिन्होंने कई साल पहले टीके लगवाए थे, उन्हें स्वास्थ्य विशेषज्ञ बूस्टर वैक्सीन लगवाने की सलाह देते हैं। हालांकि इसकी जरूरत अमेरिका जैसे देशों में ज्यादा है जहां पर खसरा एक प्रकोप का रूप लेता हुआ देखा जा रहा है।

टीकाकरण से छूटे बच्चों के लिए हो सकता है खतरा | Measles Outbreak

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों को शुरुआती टीके न मिलने से भविष्य में उनमें कई संक्रामक बीमारियों का जोखिम हो सकता है। इस साल की शुरुआत में आई कई रिपोर्टस में चिंता जताई जा रही थी कि कोरोना महामारी के दौरान बढ़े स्वास्थ्य दबाव के चलते बच्चों में टीकाकरण काफी प्रभावित हुआ था, जिसके कारण भारत, अमेरिका सहित कई देशों में बच्चों में खसरा रोग के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यूएस-यूके सहित दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से सभी स्तरों पर प्रयासों को और मजबूत करने का आह्वान किया है जिससे ऐसे बच्चों की पहचान करके उनका टीकाकरण कराया जा सके।

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