Navratri 2025: व्रत शुरू करने से पहले जरूर जान लें ये बातें, सेहत को न दें बिगड़ने


Navratri 2025: शरदीय नवरात्रि का पर्व सोमवार (22 सितंबर) से शुरू हो रहा है। मां दुर्गा के नौ रूपों की विशेष आराधना वाले इन दिनों का भक्तों को पूरे साल इंतजार रहता है। मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त इन दिनों में विशेष पूजा पाठ के साथ उपवास भी करते हैं। उपवास के वैसे दो महत्व हैं- आध्यात्मिक और स्वास्थ्य संबंधी। नवरात्रि का व्रत आध्यात्मिक शांति और शरीर को डिटॉक्स करने का एक अच्छा समय माना जाता है। उपवास से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर से विषाक्त तत्व बाहर निकलते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि व्रत हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं होता? कुछ बीमारियों में व्रत आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है। तो अगर आप भी नवरात्रि का व्रत करने जा रहे हैं तो इससे पहले अपनी सेहत पर ध्यान देना जरूरी है। आइए समझते हैं कि किन बीमारियों में व्रत रखना जोखिम भरा हो सकता है।
बीमारी व्यक्ति को रखना होगा अपनी सेहत का ख्याल | Navratri 2025
अगर किसी को पहले से कोई गंभीर बीमारी है, तो डॉक्टर अक्सर सलाह देते हैं कि ऐसे लोग व्रत न रखें, क्योंकि लंबे समय तक भूखे रहने या सीमित खानपान से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। नवरात्रि का व्रत आध्यात्मिक और सेहतमंद अनुभव हो सकता है, लेकिन हर किसी के लिए लंबा उपवास सही नहीं है। डायबिटीज, हृदय रोग, किडनी की बीमारी और गर्भावस्था जैसी स्थितियों में व्रत नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए अगर आप ऐसी किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
डायबिटीज वाले ध्यान रखें | Navratri 2025
डायबिटीज वाले मरीजों के लिए व्रत रखना नुकसानदायक हो सकता है। असल में डायबिटीज में ब्लड शुगर का लेवल संतुलित रखना सबसे जरूरी होता है। जब आप लंबे समय तक खाना नहीं खाते तो ब्लड शुगर अचानक गिर सकता है, इसे हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। इसके कारण चक्कर आने, पसीना आने और बेहोशी जैसी दिक्कत हो सकती है। वहीं, अगर व्रत में बार-बार तली-भुनी चीजें या ज्यादा फल शुगर खा ली जाएं तो शुगर लेवल अचानक बहुत बढ़ भी सकता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, अनियमित उपवास डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर उतार-चढ़ाव को खतरनाक स्तर तक पहुंचा सकता है। इसलिए डॉक्टर व्रत रखने से पहले सलाह लेना जरूरी मानते हैं।
हार्ट की बीमारी | Navratri 2025
डायबिटीज की ही तरह जिन लोगों को पहले से हृदय की बीमारी है, इसकी दवा कर रहे हैं तो भी व्रत करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। जर्नल ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की एक रिपोर्ट बताती है कि डिहाइड्रेशन और उपवास, हृदय रोगियों में कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ा सकते हैं। हार्ट की बीमारी में ब्लड प्रेशर और हार्टबीट का संतुलन बहुत जरूरी होता है। व्रत के दौरान लंबे समय तक भूखे रहने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन जैसे सोडियम और पोटैशियम की कमी हो सकती है। ये मिनरल्स दिल की धड़कन को नियंत्रित रखते हैं। इनकी कमी से धड़कन अनियमित हो सकती है, जिससे हृदय से संबंधित दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
किडनी के मरीज बरतें सावधानी | Navratri 2025
जिन लोगों को किडनी की बीमारी है, उन्हें भी डॉक्टर व्रत रखने से साफ मना करते हैं। किडनी का काम शरीर से वेस्ट और टॉक्सिन बाहर निकालना होता है। लेकिन व्रत के दौरान पानी कम पीने से डिहाइड्रेशन हो सकता है। इससे किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और उनकी कार्यक्षमता और कमजोर हो जाती है। नेशनल किडनी फाउंडेशन के मुताबिक, लंबे समय तक तरल पदार्थों की कमी से किडनी की जटिलताएं बढ़ने का खतरा हो सकता है। खासकर डायलिसिस पर रहने वाले मरीजों को उपवास बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

प्रेग्नेंसी और स्तनपान कराने वाली महिलाएं | Navratri 2025
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी व्रत रखना सेहत के लिए खतरे का कारण हो सकता है। गर्भावस्था में मां और बच्चे दोनों को नियमित पोषण की जरूरत होती है। लंबे समय तक भूखा रहने से मां में कमजोरी, चक्कर जैसी दिक्कतें हो सकती है। वहीं, दूध पिलाने वाली महिलाओं को ज्यादा ऊर्जा और पानी की जरूरत होती है। व्रत से दूध की क्वालिटी और मात्रा दोनों पर असर पड़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों के अनुसार, प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान उपवास से भ्रूण के विकास और मां की सेहत दोनों पर बुरा असर पड़ सकता है।





