स्वास्थ्य और बीमारियां

AIIMS की नई स्टडी, अब Scalp Cooling Device से कराएंगे कीमोथैरेपी तो कम झड़ेंगे बाल

कैंसर (Cancer) के इलाज में कीमोथेरेपी (Chemotherapy) एक अहम और कारगर तरीका है। मगर, इसके साइड इफेक्ट्स मरीजों के लिए मानसिक और शारीरिक दोनों स्तर पर चुनौतीपूर्ण होते हैं। इनमें सबसे आम समस्या है- बालों का झड़ना। खासकर महिलाएं और बच्चे इस दुष्प्रभाव से अधिक परेशान होते हैं। मगर, अब एम्स (AIIMS) की एक नई स्टडी ने मरीजों को राहत की उम्मीद दी है। इस स्टडी के अनुसार, कीमोथेरेपी के दौरान एक खास “कूलिंग डिवाइस” (Scalp Cooling) का इस्तेमाल करने से बाल झड़ने की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

कीमोथेरेपी के कारण शरीर की कैंसर कोशिकाओं के साथ-साथ कुछ स्वस्थ कोशिकाएं भी प्रभावित होती हैं। इसी वजह से बालों की जड़ों पर असर पड़ता है और बाल झड़ने लगते हैं। कई बार मरीजों के सारे बाल गिर जाते हैं। इसका असर न केवल उनकी शारीरिक पहचान पर पड़ता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। आत्मविश्वास की कमी, तनाव और सामाजिक अलगाव जैसी दिक्कतें सामने आती हैं। खासकर बच्चों और युवाओं में यह समस्या और गंभीर हो जाती है।

AIIMS की नई स्टडी, अब Scalp Cooling Device से कराएंगे कीमोथैरेपी तो कम झड़ेंगे बाल

कूलिंग डिवाइस का महत्व | Chemotherapy Hair Loss

एम्स द्वारा की गई स्टडी में इस कूलिंग डिवाइस का इस्तेमाल किया गया, जिसे “स्कैल्प कूलिंग” या “कूलिंग कैप” भी कहा जाता है। इसका सिद्धांत काफी सरल है, जब मरीज के सिर की त्वचा को ठंडा किया जाता है तो उस हिस्से की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे कीमोथेरेपी की दवाएं सिर की त्वचा और बालों की जड़ों तक कम मात्रा में पहुंच पाती हैं। नतीजा यह होता है कि बालों की जड़ें कम प्रभावित होती हैं और बाल झड़ने की समस्या में कमी आती है।

कैंसर मरीजों के लिए नई उम्मीद | Chemotherapy Hair Loss

एम्स की टीम का कहना है कि यह डिवाइस खासतौर पर महिलाओं और बच्चों के लिए काफी मददगार हो सकती है। जहां एक ओर मरीज कैंसर से लड़ाई लड़ रहे होते हैं, वहीं बालों के झड़ने से उनका मनोबल टूट जाता है। ऐसे में यदि यह तकनीक उन्हें सहारा दे सके तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और इलाज के दौरान उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा प्रयोग | Chemotherapy Hair Loss

स्कैल्प कूलिंग का प्रयोग पहले से ही कई पश्चिमी देशों में किया जा रहा है और इसके पॉजिटिव नतीजे सामने आए हैं। भारत में यह तकनीक अभी नई है, लेकिन एम्स की स्टडी इसे आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है। यदि इसे व्यापक स्तर पर अपनाया गया तो कैंसर मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।

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भविष्य की दिशा | Chemotherapy Hair Loss

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में कैंसर अस्पतालों में यह तकनीक आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए। इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य संस्थानों को पहल करनी होगी। साथ ही, मरीजों को भी इस बारे में जागरूक करना होगा कि यह तकनीक कीमोथेरेपी के साथ सुरक्षित रूप से इस्तेमाल की जा सकती है। कीमोथेरेपी से गुजर रहे मरीजों के लिए बाल झड़ना एक गहरी चिंता का विषय है।

एम्स की यह नई स्टडी और कूलिंग डिवाइस का प्रयोग इस समस्या का व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करता है। यदि यह तकनीक ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों तक पहुंच सके तो कैंसर मरीजों को न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक तौर पर भी बड़ी राहत मिलेगी।

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