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नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर के साथ रैन बसेरे का समापन

60 दिनों तक लगा अस्थायी रैन बसेरा, तीन स्वास्थ्य शिविरों का हुआ आयोजन


होप फाउंडेशन की सराहनीय पहल, राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (लखनऊ) और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय (लखनऊ) की टीमों ने दिया महत्वपूर्ण योगदान



अभिषेक
पाण्डेय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के गुजर जाने के बाद पिछले दो दिनों से तेज रफ्तार पछुआ चल रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेशभर में उत्तरी पछुआ हवा गुरुवार तक चलती रहेगी। इसके असर से तापमान में हल्की गिरावट देखने को भी मिल रही है। हालांकि, लगभग एक माह पहले तक हाड़ कंपा देने वाली ठंड ने सभी को परेशान कर दिया था। बच्चे और बूढ़ों के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी एडवाइजरी जारी की थी। कड़ाके की ठंड में सबसे ज्यादा दिक्कत मजदूरों व असहायों को हो रही थी।

इसी को ध्यान में रखते हुए लखनऊ स्थित द होप फाउंडेशन ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की थी। द होप फाउंडेशन और द होप रिहैबिलिटेशन एंड लर्निंग सेंटर ने राजधानी स्थित मुंशी पुलिया इलाके में 20 बेड का अस्थाई रैन बसेरा लगाया। नगर निगम लखनऊ के सहयोग से स्थापित इस रैन बसेरे में अलाव, शुद्ध पेयजल और दिहाड़ी मजदूरों-राहगीरों और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को सुरक्षित आश्रय की व्यवस्था की गई। बुधवार को इस अस्थायी रैन बसेरे के समापन के उपलक्ष्य में एक बार फिर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इसमें राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (लखनऊ) की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

द होप फाउंडेशन की सराहनीय पहल, राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (लखनऊ) और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय (लखनऊ) की टीमों ने दिया महत्वपूर्ण योगदान
द होप फाउंडेशन की सराहनीय पहल, राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (लखनऊ) और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय (लखनऊ) की टीमों ने दिया महत्वपूर्ण योगदान

लगभग 50 राहगीरों, रेहड़ीपटरी दुकानदारों ने उठाया शिविर का लाभ

बुधवार को आयोजित स्वास्थ्य शिविर में लगभग 50 मरीजों का पंजीकरण किया गया। इनमें नियमित बीमारियों (सामान्य सर्दी, बुखार) के साथ-साथ गंभीर और पुरानी बीमारियों (क्रोनिक डिजीज) से पीड़ित मरीज भी शामिल थे। इसके साथ ही नी-पेन, गठिया, पेट संबंधी समस्या, स्किन डिसऑर्डर और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से जुड़ी समस्याओं को लेकर आए मरीजों को निःशुल्क दवाएं और परामर्श प्रदान किया गया। शिविर में योगदान देने वाले विशेषज्ञों और छात्रों में डॉ. प्रियंका भट्ट (विभागाध्यक्ष कम्युनिटी मेडिसन), डॉ. शबनम, डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. अविनाश कुमार यादव, डॉ. सिया, डॉ. देवयानी, डॉ. पूजा सिंह, डॉ. आस्था सक्सेना और डॉ. राम विशाल यादव मौजूद रहे। नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से न केवल मरीजों को इलाज मुहैया कराया गया, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया गया।

वहीं, द होप फाउंडेशन की ओर से रविंद्र मिश्रा, देवानंद गौतम, प्रीति कुरील, वेद प्रकाश गुप्ता, सौम्या सिंह, अरुणिमा सिंह, प्रिया सिंह, स्मिता सिंह, संजय, माला, शिल्पी, सद्दाम, डेल्विन देवासिया, पवन कुमार यादव, दीपाली, साक्षी श्रीवास्तव, अंजलि, सान्या, शशि कला और दीनानाथ मौजूद रहे।

द होप फाउंडेशन की सराहनीय पहल, राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (लखनऊ) और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय (लखनऊ) की टीमों ने दिया महत्वपूर्ण योगदान
द होप फाउंडेशन की सराहनीय पहल, राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (लखनऊ) और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय (लखनऊ) की टीमों ने दिया महत्वपूर्ण योगदान

60 दिनों तक लगा अस्थायी रैन बसेरा, तीन स्वास्थ्य शिविरों का हुआ आयोजन

बता दें कि 03 जनवरी, 2025 को नगर निगम और जिला प्रशासन के सहयोग से द होप फाउंडेशन ने 20 बेड के अस्थायी रैन बसेरे की शुरुआत की थी। बुधवार यानी पांच मार्च 2025 को इसका समापन किया गया। लगभग दो महीने चले इस रैन बसेरे में तीन बार नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान 350 से अधिक लोगों ने इसका लाभ उठाया। राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (लखनऊ) और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय (लखनऊ) की टीमों के सौजन्य से नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन हुआ। 

होम्योपैथिक दवाओं से जड़ से ख़त्म होता है रोग

कम्युनिटी मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रियंका भट्ट ने बताया कि हमारे विभाग का मुख्य उद्देश्य लोगों तक पहुंचना, उनकी समस्याओं को समझना और उन्हें स्वास्थ्य शिविरों का लाभ दिलाना है। हमने पांच नगरीय कॉलोनी और पांच ग्रामीण कॉलोनी को गोद ले रखा है, वहां पर स्वास्थ्य योजनाओं से जुड़े प्रोग्राम करना हमारी प्राथमिकता है। इस तरह के स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने में बड़ी मदद मिलती है। द होप फाउंडेशन की ये पहल बहुत ही सराहनीय है।

डॉ. प्रियंका भट्ट
विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन

इस तरह के स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से हम जनता के बीच पहुंचते हैं और उन्हें यह समझाने में कामयाब होते हैं कि होम्योपैथी पद्दति के इलाज से रोग जड़ से खत्म होते हैं। इस पद्दति का इलाज सरल भी है और उपयोगी भी है। होम्योपैथिक दवाओं के साइड इफेक्ट्स नहीं हैं और इसके इलाज से बड़ी से बड़ी बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। हमारा विभाग (कम्युनिटी मेडिसन) का उद्देश्य यही है कि जन-जन तक होम्योपैथी का इलाज पहुंचाया जाए। हम समय-समय पर जागरूकता कैंप का भी आयोजन करते रहते हैं और काउन्सलिंग के माध्यम से सीजनल एपीडमिक को रोकने का प्रयास करते हैं। द होप फाउंडेशन के साथ जुड़ने से हमें और भी कई फायदे होंगे। इंटर्न स्टूडेंट्स को द होप रिहैबिलिटेशन एंड लर्निंग सेंटर्स पर विजित कराकर उन्हें नए एक्सपीरियंस से जोड़ने में आसानी होगी।

दिव्यांशु कुमार ने बताईं भविष्य की योजनायें    

वहीं, द होप फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक दिव्यांशु कुमार ने बताया कि हमारा उद्देश्य उन लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है, जो इसके लिए सक्षम नहीं हैं। यदि समय पर इलाज मिले तो न केवल जान बचाई जा सकती है, बल्कि परिवारों की आय का एक बड़ा हिस्सा भी सुरक्षित किया जा सकता है। कोई भी शीतलहर की चपेट में ना आए, इस मकसद के साथ रैन बसेरे की शुरुआत की गई थी। काफी हद तक हमने लक्ष्य की प्राप्ति की है। नगर निगम लखनऊ, नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय (लखनऊ) का सहयोग मिलना गर्व की बात है।

दिव्यांशु कुमार
प्रबंध निदेशक
द होप फाउंडेशन
 

राहगीरों, मजदूरों और रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को शीतलहर से बचाने की कोशिश हमने की। इस रैन बसेरे के तहत संचालित कपड़ा बैंक से लगभग 400 गरीब-असहायों को गर्म कपड़े भी वितरित किए गए। लगभग दो महीने तक लगे इस रैन बसेरे का लाभ 1200 से अधिक लोगों ने उठाया। जो सोचा था, परिणाम उससे बेहतर मिले। अब तपती धूम और लू से कैसे राहगीरों को बचाया जाए, इस पर कार्य किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि हम शहर के अलग-अलग कोनों में प्याऊ की व्यवस्था करें। साथ ही मोबाइल प्याऊ के भी कांसेप्ट पर काम जारी है। इसके साथ ही ‘हीट स्ट्रोक बचाओ’ कैम्प का भी आयोजन करने की तैयारी है।      

सस्ती और सुलभ चिकित्सकीय सेवा पद्यति है होम्योपैथी

प्राचार्य, राजकीय नेशनल होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डॉ. विजय पुष्कर (एमडी) ने बताया कि होम्योपैथिक, एक सस्ती और सुलभ चिकित्सकीय सेवा पद्यति है। इस चिकित्सकीय सेवा का लाभ कोने-कोने तक पहुंचे, इसके लिए इस तरह के स्वास्थ्य शिविर बहुत ही उपयोगी साबित होते हैं। होम्योपैथिक चिकित्सकीय सेवा का प्रचार-प्रसार बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है। द होप फाउंडेशन का साथ और सहयोग प्राप्त होना भी एक बड़ी बात है। ऐसे संगठनों की मदद और हमारे विशेषज्ञों के प्रयास से होम्योपैथिक चिकित्सकीय सेवा पर सभी का विश्वास बढ़ा है। हमारे विभागीय मंत्री और निदेशक, दोनों के ही मार्गदर्शन और नेतृत्व में हम इस चिकित्सकीय सेवा का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं।

प्रो. डॉ. विजय पुष्कर
एमडी
प्राचार्य, राजकीय नेशनल होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, लखनऊ

होम्योपैथिक चिकित्सा पद्दति पर बढ़ा आम जनमानस का विश्वास

प्रो. डॉ. डी.के. सोनकर (पूर्व प्राचार्य) ने कहा, कोरोना काल के दौरान होम्योपैथिक चिकित्सा पद्दति पर आम जनमानस का विश्वास बढ़ा है। कोरोना के बाद भी ज्यादा से ज्यादा संख्या में मरीज होम्योपैथिक दवाओं पर भरोसा जाता रहे हैं। इसका उदाहरण है राजकीय नेशनल होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या। यहां प्रतिदिन हजारों मरीज अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर आते हैं। उनके भरोसे को कायम रखने में हम कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। इस तरह के स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से हम कहीं न कहीं समाज में होम्योपैथिक चिकित्सा से जुड़ी जागरूकता को बढ़ाने में सक्षम बनेंगे और समाज से भ्रांतियों को दूर करने में भी हमें मदद मिलेगी।

प्रो. डॉ. डी.के. सोनकर
पूर्व प्राचार्य
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, लखनऊ

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