गेहूं, जौ और राई जैसे खाद्य पदार्थों में एक प्रकार का प्रोटीन पाया जाता है जिसे ‘ग्लूटेन’ कहते हैं। यह लसलसा पदार्थ होता है, जो खाद्य पदार्थ को एक साथ बांधे रखता है जिससे उनके आकार को बनाए रखने में मदद मिलती है। यह कभी-कभी सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस ‘ग्लूटेन’ का सेवन खासकर उन लोगों के लिए नुकसानदेह होता है जिन्हें गेहूं से एलर्जी है या सीलिएक रोग है। यह उनमें कई तरह की समस्याएं पैदा करता है।
हो सकती हैं ये समस्याएं
सिर: माइग्रेन, थकान, सिरदर्द, डिप्रेशन, भूलने की आदत
मुंह: अल्सर, गले में खराश
पेट: अपच, गैस, पेट दर्द
छोटी आंत: सीलिएक व डायरिया
बड़ी आंत: डायरिया, मलद्वार में सूजन आ जाना
इम्युनिटी: कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता, बार-बार संक्रमण होना
स्किन: एग्जिमा, डर्मेटाइटिस
ग्रोथ: लंबाई व वजन का कम रहना
ऐसे लोग जिन्हें ग्लूटेन संवेदनशीलता है, तो उन्हें इससे मुक्त विकल्पों को अपने दैनिक आहार में शामिल करने के बारे में सोचना चाहिए। उदाहरण के तौर पर गेहूं की जगह ज्वार, कुट्टू का आटा या चौलाई का प्रयोग भी किया जा सकता है।
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मकई
मक्का या मकई जिसे कॉर्न भी कहते हैं। इसे कई तरीकों से पकाया जा सकता है, यह ग्लूटेन मुक्त आहार में से एक है।
जई या ओट्स
लोकप्रिय ग्लूटेन फ्री फूड है, यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है।
क्विनोआ
यह न केवल ग्लूटेन फ्री होता है बल्कि एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर होता है। इसे अपने आहार में अवश्य शामिल करें।
ब्राउन राइस
चावल ग्लूटेन फ्री होता है। ब्राउन व सफेद चावल दोनों खा सकते हैं परन्तु ब्राउन राइस अधिक सेहतमंद माना जाता है।
आटा और स्टार्च
मकई का आटा, बेसन व सोया अथवा सोयाबीन का आटा, नारियल और साबूदाना का आटा ग्लूटेन से मुक्त होता है।
फल और नट्स
सभी प्रकार के फल और फलियां ग्लूटेन फ्री होते हैं। सभी प्रकार के सूखे मेवे व बीज ग्लूटेन मुक्त आहार के अंतर्गत आते हैं।
- प्रीता जैन, आहार विशेषज्ञ, भोपाल