Physiotherapy: शरीर के दर्द से हैं परेशान, इन आसान फिजियोथेरेपी एक्सरसाइज से बदन दर्द हो जाएगा दूर

Easiest Exercise Of Physiotherapy At Home And Office: शरीर में होने वाले दर्द को फिजियोथेरेपी से आसानी से दूर किया जा सकता है। हर साल 8 सितम्बर को विश्व फिजियोथेरेपी दिवस मनाया जाता है। फिजियोथेरेपी का मतलब है कि ‘मूवमेंट ही दवा है।’ फिजियोथेरेपी केवल चोट या सर्जरी के बाद ठीक होने का तरीका नहीं है, बल्कि यह समस्याओं से बचाव करने, शरीर को मजबूत बनाने और हर उम्र में स्वस्थ और एक्टिव रहने का एक तरीका है।
का फिजियोथेरेपी डे का विषय रिहैबिलिटेशन और हेल्दी एजिंग है। लेकिन फिजियोथेरेपी केवल बुजुर्गों के लिए ही नहीं बल्कि युवाओं, प्रोफेशनल्स, खिलाड़ियों, महिलाओं सभी के लिए जरूरी है। आप घर पर या दफ्तर में कुर्सी पर बैठे रहकर आसानी से कुछ एक्सरसाइज कर सकते हैं। इससे आपका बदन दर्द दूर हो जाएगा।
क्यों जरूरी है फिजियोथेरेपी? | Easiest Exercise Of Physiotherapy At Home And Office
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ऑफिस वर्कर्स– घंटों डेस्क पर बैठने से पीठ और गर्दन दर्द बढ़ता है, जिसे सही पॉश्चर और एक्सरसाइज से रोका जा सकता है।
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खिलाड़ी और फिटनेस लवर्स– चोटों से बचाव, मसल्स कंडीशनिंग और तेज रिकवरी में मददगार।
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बुजुर्ग– बैलेंस सुधारने, गिरने के खतरे को कम करने और जोड़ों को लचीला रखने में मदद करती है।
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महिलाओं का स्वास्थ्य– गर्भावस्था, डिलीवरी के बाद रिकवरी और पेल्विक फ्लोर को मजबूत करने में फायदेमंद है।
घर या ऑफिस में करें फिजियोथेरेपी एक्सरसाइज | Easiest Exercise Of Physiotherapy At Home And Office
ऑफिस वर्कर्स के लिए 20-20-20 नियम- हर 20 मिनट पर 20 फीट दूर देखें और 20 सेकंड तक आंखों को आराम दें। साथ ही पीठ सीधी करके खड़े हों और कंधे घुमाएं।
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गर्दन और कंधे की स्ट्रेचिंग– गर्दन को धीरे-धीरे एक कंधे की ओर झुकाए और 10 सेकंड तक रोकें। दोनों ओर दोहराए।
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कोर मज़बूती (पेल्विक टिल्ट)- पीठ के बल लेटें, घुटने मोड़ें। पेट की मांसपेशियों को कसें और पीठ को फर्श से लगाएं। 5 सेकंड तक रोकें।
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बुजुर्गों के लिए बैलेंस एक्सरसाइज– कुर्सी पकड़कर एक पैर को जमीन से थोड़ा ऊपर उठाए और 10 सेकंड तक रोकें।
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डीप ब्रीदिंग– गहरी सांस लें, पेट बाहर आए और धीरे-धीरे छोड़ें। तनाव कम होगा और फेफड़े मजबूत होंगे।
फिजियोथेरेपी केवल इलाज नहीं बल्कि जीवनशैली का हिस्सा है। यदि हम रोजमर्रा की दिनचर्या में कुछ मिनट स्ट्रेचिंग, पॉश्चर सुधार और सांस लेने की तकनीक शामिल कर लें, तो जीवनभर दर्द और बीमारियों से बचाव संभव है। फिजियोथेरेपी का असली मकसद है लोगों को बेहतर चलने, मजबूत रहने और स्वस्थ उम्र तक पहुचने में सक्षम बनाना है।