हम सभी जानते हैं कि स्मोकिंग हमारे स्वास्थ्य पर अलग-अलग तरीकों से नकारात्मक प्रभाव डालता है। कैंसर, फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी स्थितियां सीधे स्मोकिंग के कारण ही होती हैं। लेकिन स्मोकिंग से महिलाओं को एक और समस्या हो सकती है जो इनकी इंटिमेट हेल्थ से जुड़ी है और वो है मेनोपॉज। स्मोकिंग मेनोपॉज की शुरुआत को जल्दी शुरू कर सकता है और लक्षणों को काफी खराब कर सकता है। मेनोपॉज के बाद ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकता है।
उम्र के साथ महिलाओं को कई तरह के शारीरिक और हॉर्मोनल बदलावों से गुजरना पड़ता है। इसी कड़ी में एक मेनोपॉज भी है 40 की उम्र पार करने के बाद महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षण शुरू हो जाते हैं और 50 की उम्र आते-आते मेनोपॉज पूरी तरह से आ जाता है। लेकिन अगर आपकी लाइफस्टाइल खराब है तो बहुत सी चीजों का सामना आपको उम्र से पहले करना पड़ सकता है। इसमें से एक खराब लाइफस्टाइल की आदत स्मोकिंग करना भी है।
क्या Smoking के कारण समय से पहले मेनोपॉज हो सकता है
स्मोकिंग और समय से पहले मेनोपॉज के बीच संबंध को समझने के लिए कई अध्ययन किए गए हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में मेनोपॉज की शुरुआत 18 महीने पहले होने की संभावना उन महिलाओं की तुलना में अधिक होती है जो धूम्रपान नहीं करती हैं। बहुत अधिक स्मोकिंग करने वालों के लिए यह तीन या चार साल पहले हो सकता है। रिपोर्टों से यह भी पता चला है कि जो महिलाएं धूम्रपान करने वालों के साथ रहती हैं और उनके सिगरेट के धुएं में सांस लेती हैं। उनमें भी धूम्रपान न करने वालों की तुलना में समय से पहले मेनोपॉज होने की संभावना अधिक होती है।
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निकोटीन एंड्रोस्टेनेडिओन (शरीर के अंदर एक हार्मोन) के एस्ट्रोजन में बदलने को बाधित करता है जिसके परिणामस्वरूप एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आती है जिससे समय से पहले मेनोपॉज शुरू हो जाती है। एस्ट्रोजन के घटते स्तर मेनोपॉज के लक्षणों से जुड़े होते हैं।
स्मोकिंग और अर्ली मेनोपॉज का क्या है कनेक्शन
स्मोकिंग कई तरह से मेनोपॉज के लक्षणों को खराब कर सकता है। सबसे पहले यह हॉट फ्लैश और रात के पसीने को बढ़ा सकता है जो मेनोपॉज के दौरान पहले से ही आम लक्षण हैं। सिगरेट में निकोटीन और अन्य रसायन एस्ट्रोजन सहित हार्मोन के स्तर को बाधित कर सकते हैं जिससे ये लक्षण और भी बढ़ सकते हैं।
स्मोकिंग ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को बढ़ा सकता है जो हड्डियों की डेचसिटी में कमी को कहा जाता है, जो एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट के कारण मेनोपॉज महिलाओं के लिए पहले से ही चिंता का विषय है। धूम्रपान हड्डियों के नुकसान को और बढ़ाता है जिससे फ्रैक्चर और हड्डी से संबंधित समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा धूम्रपान हृदय संबंधी समस्याओं में योगदान दे सकता है, जैसे कि हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाना, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर और रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य में बदलाव के कारण मेनोपॉज वाली महिलाओं के लिए पहले से ही चिंता का विषय है।