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SnakeBite: सर्पदंश के मामलों-मौतों को ‘सूचित रोग’ बनाने के दिए गए निर्देश, जानिए मामला

SnakeBite: कैंसर और हृदय रोगों को दुनियाभर में होने वाली मौतों का प्रमुख कारण माना जाता है। इन बीमारियों के अलावा भी कई ऐसी स्थितियां हैं जिसके कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। सर्पदंश यानी सांप काटने से होने वाली मौतें भी उनमें से एक हैं। भारत में सर्पदंश से होने वाली मृत्युदर विश्व में सबसे अधिक है, एक अनुमान के मुताबिक यहां प्रति वर्ष 45,900 से 58,000 लोगों की मौत सांप काटने के कारण हो जाती है। इसी विषय को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सर्पदंश के मामलों और मौतों को ‘सूचित रोग’ बनाने का अनुरोध किया है। इसमें कहा गया है कि साल 2030 तक सांप के काटने से होने वाली मौतों को आधा करना है। गौरतलब है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने संबंधित मंत्रालयों और हितधारकों के परामर्श से “भारत में 2030 तक सांप के काटने से होने वाली मौतों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना” (NAPSE) शुरू की है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने लिखा पत्र

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा, सांप काटने और इसके कारण होने वाली दिक्कतें सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंता का कारण हैं। कुछ मामलों में इससे मृत्यु का खतरा और विकलांगता हो सकती है। किसान और आदिवासी लोगों में इसका सबसे ज्यादा जोखिम रहता है। एनएपीएसई के तहत मुख्य उद्देश्य भारत में सांप के काटने के मामलों और मौतों की निगरानी को मजबूत करना है। सर्पदंश के मामलों और मौतों की अधिसूचना से निजी स्वास्थ्य सुविधाओं से रिपोर्टिंग में भी सुधार होगा। इन बातों को मद्देनजर रखते हुए अनुरोध है कि सभी राज्यों में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम या अन्य लागू कानून के तहत सर्पदंश से होने वाली बीमारियों और मौतों को “सूचित रोग” बनाया जाए। इससे सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं (मेडिकल कॉलेजों सहित) के लिए संदिग्ध, संभावित सर्पदंश मामलों और मौतों को रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा।

सांप काटने पर क्या लक्षण होते हैं?

सांप काटने के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपको किस तरह के सांप ने काटा है। आमतौर पर इसके कारण हल्की सूजन, त्वचा के रंग में बदलाव, काटने की जगह से खून बहने जैसी दिक्कतें होती हैं। अगर आपको किसी विषैले सांप ने काटा है तो इसके कारण त्वचा पर काटने के निशान या घाव, पसीना आना या लार टपकने, मतली और उल्टी, सिरदर्द, चक्कर आने और धुंधली दृष्टि के साथ मुंह में झाग निकलने की समस्या होती है।

सांप काट ले तो क्या करें?

विषहीन सांप के काटने पर भी घाव का उचित देखभाल जरूरी है। इसके लिए काटने वाली जगह को साबुन और पानी से साफ करें और उस पर पट्टी बांध लें। अगर काटने वाले स्थान पर सूजन, मवाद या संक्रमण के लक्षण हैं तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। वहीं अगर किसी को विषैले सांप ने काट लिया है तो इसके उपचार में एंटीवेनम इंजेक्शन दिया जाता है। एंटीवेनम एक प्रकार की एंटीबॉडी थेरेपी है जो आपके शरीर में विष के प्रभाव को कम करती है। जितनी जल्दी हो सके ये इंजेक्शन जरूर प्राप्त करें। सांप के आकार, रंग और प्रकार को जानने से आपके डॉक्टर को यह निर्धारित करने में मदद मिल सकती है कि आपकी स्थिति के लिए कौन सा एंटीवेनम सबसे अच्छा है।

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