Study: स्ट्रेस-एंग्जाइटी होगी दूर, आपके घर में मौजूद है ये असरदार दवा

Mental Health: दौड़भाग वाली इस दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा स्ट्रेस-एंग्जाइटी का शिकार हो सकता है। एक अध्ययन से पता चला है कि 77% भारतीय नियमित रूप से तनाव के कम से कम एक लक्षण का अनुभव करते हैं। वहीं अन्य सर्वेक्षणों से पता चला है कि हर 2 में से 1 शहरी भारतीय स्ट्रेस का शिकार हो सकता है, इसका असर उनके दैनिक जीवन पर पड़ता है। युवा पीढ़ी, खासकर जेनरेशन जेड में इसका खतरा और भी अधिक देखा जा रहा है।
अगर आप भी अक्सर तनाव का शिकार रहते हैं, काम पर फोकस नहीं बन पाता है, चिड़चिड़ापन परेशान कर रहा है तो इसपर समय रहते ध्यान देकर इलाज जरूर कराएं। दीर्घकालिक स्थितियों में इससे डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है। स्ट्रेस की समस्या से परेशान लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। वैज्ञानिकों की टीम ने एक अध्ययन में ऐसे कारगर उपाय के बारे में बताया है जो इस समस्या से आपको बचाने में मददगार हो सकती है। शोध से पता चलता है कि तुलसी का सेवन कोर्टिसोल को 36% तक कम कर सकती है, ऐसे में तनाव से बचे रहने के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
पहले जान लीजिए कि कोर्टिसोल और स्ट्रेस का क्या संबंध है? | Mental Health
कोर्टिसोल एक हार्मोन है, जब इसका स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है तो शरीर पर कई तरह के प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं, जिनमें वजन बढ़ना, थकान, मनोदशा में बदलाव और हृदय संबंधी समस्याएं शामिल हैं। जब भी हमारा शरीर किसी तनाव की स्थिति में आता है, तो एड्रिनल ग्लैंड खून में कोर्टिसोल नाम का हार्मोन रिलीज करने लगता है। यही कारण है कि कोर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन कहा जाता है। लगातार कोर्टिसोल का बढ़ा हुआ स्तर आपके लिए हानिकारक हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के साथ शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भी कोर्टिसोल को कंट्रोल में रखना जरूरी है।
अध्ययन से क्या पता चला? | Mental Health
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन की रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया कि अगर आप तुलसी का सेवन करते हैं तो इससे कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर को कंट्रोल करना आसान हो सकता है। लिहाजा आपका स्ट्रेस लेवल भी कंट्रोल होता है। प्रतिभागियों पर 8 सप्ताह तक किए गए परीक्षण में विशेषज्ञों ने पाया कि ये उपाय कोर्टिसोल के स्तर में 36% की कमी ला सकता है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि तुलसी का सेवन करने से शरीर बेहतर तरीके से स्ट्रेस को कंट्रोल करने में मददगार था। प्रतिभागियों ने नींद की गुणवत्ता में भी सुधार की सूचना दी।
कैसे करें इसका इस्तेमाल? | Mental Health
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया ये कारगर औषधि हर घर में आसानी से पाई या उगाई जा सकती है। तुलसी की पत्तियों का सेवन, इसकी चाय या फिर किसी चीज में मिलाकर इसका सेवन करना आपकी सेहत के लिए लाभकारी हो सकता है। ये घरों में आसानी से और मुफ्त में मिल जाती है। तुलसी के कई सप्लीमेंट भी हैं जिनमें इसके मानकीकृत अर्क होते हैं। इसकी तय खुराक के साथ-साथ अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आप तुलसी के पत्तों को तोड़कर उसे रोजाना कच्चा भी चबा सकते हैं। यह एक पारंपरिक आयुर्वेदिक अभ्यास है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने, संक्रामक रोगों के खतरे को कम करने के साथ कई अन्य प्रकार के स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रयोग में लाया जाता रहा है।