Study: गोद में रखकर लैपटॉप चलाते हैं, घट सकता है आपका स्पर्म काउंट

Sperm Count Problem: आज के डिजिटल युग में मोबाइल और लैपटॉप रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। लोग घंटों तक लैपटॉप को गोद में रखकर काम करते हैं और मोबाइल हमेशा पैंट की जेब में रहता है। लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पुरुषों के स्पर्म काउंट पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। पीएसआरआई अस्पताल में एसोसिएट डायरेक्टर और यूरोलॉजी, डॉ. प्रशांत जैन कहते हैं कि इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाली हीट और रेडिएशन पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
स्पर्म की क्वालिटी हो सकती है खराब
डॉक्टरों के अनुसार, पुरुष प्रजनन क्षमता के लिए अंडकोषों का तापमान शरीर के तापमान से थोड़ा कम होना जरूरी होता है। लेकिन जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक गोद में लैपटॉप रखकर काम करता है, तो उससे निकलने वाली गर्मी अंडकोषों का तापमान बढ़ा सकती है। इससे स्पर्म की क्वालिटी और काउंट दोनों प्रभावित हो सकते हैं। इसी तरह मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडियोफ्रीक्वेंसी तरंगें (RF waves) भी प्रजनन अंगों के आसपास लगातार रहने पर नुकसान पहुंचा सकती हैं। जेब में मोबाइल रखने की आदत से यह तरंगें अंडकोषों के पास लगातार प्रभाव डालती हैं, जिससे डीएनए डैमेज और स्पर्म की गतिशीलता में कमी हो सकती है।
कैसे करें अपना बचाव?
डॉक्टरों की सलाह है कि पुरुषों को लंबे समय तक गोद में लैपटॉप रखकर काम करने से बचना चाहिए। इसके लिए लैपटॉप स्टैंड या टेबल का इस्तेमाल करें। साथ ही, मोबाइल को पैंट की जेब में रखने के बजाय बैग में रखना अधिक सुरक्षित विकल्प है, खासकर तब जब वह लगातार नेटवर्क सर्च कर रहा हो या चार्ज पर लगा हो। इस विषय पर जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह आदतें धीरे-धीरे पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर असर डाल रही हैं। यदि कोई दंपत्ति लंबे समय तक संतान की योजना बना रहा हो और दिक्कत आ रही हो, तो ऐसी आदतों की समीक्षा करना और डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।