टैटू बनवाने और खुद को आकर्षक दिखाने का शौक लोगों को होता है। लेकिन, यह हम सब जानते हैं कि टैटू बनवाने के साथ कई तरह के इंफेक्शन्स औऱ बीमारियों का रिस्क भी जुड़ा हुआ है। एक नयी रिसर्च की मानें तो टैटू बनवाने से लिम्फोमा का रिस्क बढ़ सकता है।
ई क्लिनिकल मेडिसिन में छपी इस स्टडी को लुंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पूरा किया। इस नयी स्टडी में कहा गया है कि टैटू लिम्फेटिक सिस्टम में कैंसर की एक वजह बन सकता है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि इस विषय पर अभी और अधिक रिसर्च करने की जरूरत है।
क्या कैंसर की वजह बन सकता है टैटू?
स्टडी के लेख क्रिस्टेल नेल्सन (Christel Nielsen, the researcher at Lund University who led the study) ने बताया कि,” हमने ऐसे लोगों की पहचान की है जिनमें लिम्फोमा कैंसर हुआ है और उन्होंने टैटू बनावाए हैं।” लगभग 11,905 लोगों को इस स्टडी में शामिल किया गया जिनकी उम्र 20 साल से 60 साल के बीच थी। सर्वे के अंत में पाया गया कि, लिम्फोमा से पीड़ित लगभग 21% प्रतिशत लोगों ने टैटू करवाए थे।
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स्मोकिंग की आदत और बढ़ती उम्र के अलावा टैटू बनवाने को लिम्फोमा कैंसर के हाई रिस्क के साथ जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि टैटू बनवाने वाले लोगों में लिम्फोमा का जोखिम 21% तक अधिक था।
टैटू की इंक से खतरा
बता दें कि इससे पहले सामने आयी स्टडीज में बताया गया था कि टैटू बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्याही या इंक से स्किन इंफेक्शन, एलर्जी और ऐसे दाग होने का डर बढ़ सकता है जो जिंदगी भर ठीक नहीं होते। वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक स्टडी में यह भी कहा गया था कि टैटू बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इंक से स्किन कैंसर सहित कई अन्य तरह के कैंसर का रिस्क भी बढ़ सकता है।