विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनियाभर में हो रही मौतों के टॉप 10 कारणों की सूची तैयार कर ली है। इसमें मोटापा तेजी से बढ़ने वाली बीमारी बताई गई है। मोटापे से दुनिया में हर साल 28 लाख वयस्क अपनी जान गंवा रहे हैं। मोटापे के मामले में भारत, अमेरिका और चीन के बाद तीसरे नंबर पर है। विश्व मोटापा महासंघ ने भी बताया है कि भारत दुनिया में मोटे लोगों का तीसरा सबसे बड़ा प्रतिशत है।WHO का मानना है कि मोटापा, दुनिया के लिए एक एपिडेमिक मतलब महामारी बन गया है।
पिछले कुछ सालों में मोटापा सबसे तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक है। यही कारण है कि इस बीमारी ने भारत समेत दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ा दी है।रिपोर्ट्स के अनुसार, सन् 1990 में भारत की सिर्फ 12% महिलाएं और 8% पुरुष मोटापे का शिकार थे और इनमें भी 15 से 24 वर्ष के युवाओं की संख्या सिर्फ 73 लाख थी। मगर, साल 2021 में इस आयु वर्ग के 2 करोड़ 98 लाख युवा मोटापे का शिकार हो गए और आज 2025 में भारत के 10 करोड़ से ज्यादा लोग ओवरवेटिंग (Overweight) हैं और मोटापे ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया है।

मोटापे की वजह से होने वाली बीमारियां
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया में हर 8वां इंसान मोटापे की चपेट में है। यह कार्डियोवस्कुलर डिजीज और कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है। इसकी वजह से नॉन कम्युनिकेबल बीमारियां बढ़ सकती हैं। दिल की बीमारी और फेफड़े के इन्फेक्शन का खतरा भी रहता है।मोटापे से वजह से कैंसर, टाइप-2 डायबिटीज, हार्ट रिलेटेड डिजीज, स्ट्रोक, हड्डियों की समस्या, फर्टिलिटी प्रभावित करने जैसी बीमारियों का खतरा हो सकता है।
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में Guillain Barre Syndrome से 12 की मौत, जानें इस खतरनाक बीमारी के लक्षण
मोटापे के साथ बढ़ेगा हार्ट अटैक का खतरा
‘द लैंसेट’ में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, साल 2022 में 15.9 करोड़ बच्चे-किशोर और 87.9 करोड़ वयस्क मोटापे का शिकार थे। WHO की मदद से किए गए इस अध्ययन में 190 से ज्यादा देशों में 1,500 से ज्यादा शोधकर्ताओं ने पांच साल या उससे ज्यादा उम्र के 22 करोड़ से अधिक लोगों के वजन और हाईट का एनालिसिस किया। एक अनुमान के अनुसार, अगले 25 वर्षों में भारत की आबादी 167 करोड़ हो जाएगी, जिनमें से 55 करोड़ लोग मोटापे का शिकार होंगे और जिन्हें हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा होगा।