Infectious Diseases in 2024: हम सभी धीरे-धीरे साल 2024 के अंत की तरफ बढ़ रहे हैं। ये साल सेहत के मामले में कई प्रकार की चुनौतियां भी पैदा करता रहा। कई तरह की संक्रामक बीमारियों ने लोगों को खूब परेशान किया। साल 2019-20 में दुनियाभर में शुरू हुई कोरोना महामारी का असर इस साल भी देखा गया। वायरस के नए वैरिएंट्स ने साल की शुरुआत में कई देशों में संक्रमण के मामलों को जरूर बढ़ा दिया था हालांकि समय के साथ इसे नियंत्रित कर लिया गया।
कोरोना के साथ-साथ कई अन्य संक्रामक बीमारियों ने भी पूर साल स्वास्थ्य क्षेत्र पर अतिरिक्त दबाव बढ़ाए रखा। मंकीपॉक्स संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैश्विक महामारी तक घोषित किया। अब जब हम इस साल को कुछ ही दिनों में अलविदा बोलकर नए साल 2025 में प्रवेश करने जा रहे हैं तो जरूरी है कि साल 2024 की उन बीमारियों पर एक सरसरी नजर डाल ली जाए जो पूरी दुनिया के लिए समस्या का कारण बनी रहीं। इस बार हुई गलतियों से सबक लेकर हम अगले साल में प्रवेश करें जिससे नए साल में हमारी सेहत पर कोई दिक्कत न आए।
कोरोना के नए वैरिएंट्स ने किया परेशान | Infectious Diseases in 2024
साल 2023 में कोरोनावायरस दुनियाभर के लिए चिंता का कारण बना रहा, 2024 के शुरुआती महीनों में भी कोरोना के नए वैरिएंट्स ने परेशान किया। कोरोना के एक नए वैरिएंट JN.1 को लेकर वैज्ञानिकों ने अलर्ट जारी किया। अध्ययनों में पाया गया कि इस नए वैरिएंट की संक्रामकता दर काफी अधिक थी, लिहाजा डेढ़ महीने के भीतर ही ये वैरिएंट करीब 41 देशों में फैल गया। सिंगापुर-अमेरिका सहित कई देशों में कोरोना के न सिर्फ मामले बढ़े, साथ ही इसके कुछ गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी देखे गए। भारत में भी ओमिक्रॉन के JN.1 सब-वैरिएंट के मामलों में वृद्धि देखी गई। इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ये नया वैरिएंट भारत के भी अधिकांश हिस्सों में फैल गया है। इससे बचाव के लिए विशेषज्ञों ने नए सिरे से बूस्टर वैक्सीनेशन की भी सलाह दी थी। इसके बाद मई-जून के महीनों में कोरोना वायरस में म्यूटेशन के कारण उत्पन्न सब-वैरिएंट को ‘FLiRT’ (फिलर्ट) ने भी लोगों की चिंता बढ़ाई।
नई संभावित महामारी को लेकर किया गया आगाह | Infectious Diseases in 2024
कोरोना के साथ जनवरी-फरवरी में वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक नई संभावित महामारी को लेकर आगाह किया है। वैज्ञानिकों ने अलर्ट किया कि सभी लोगों को एक नई और विचित्र महामारी के खतरे को लेकर सावधान रहना चाहिए। इसके लिए जोंबी वायरस को संभावित कारण माना बताया गया। शोधकर्ताओं ने बताया कि बर्फ के बड़े हिस्से के नीचे जोंबी वायरस मिलने की खबरें हैं, आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से ये वायरस निकल सकते हैं, जिससे एक बड़ी बीमारी का प्रकोप और नई वैश्विक चिकित्सा आपात की स्थिति पैदा होने का भी खतरा हो सकता है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण इस वायरस के फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
H5N1 Virus- बर्ड फ्लू का खतरा | Infectious Diseases in 2024
साल 2024 में बर्ड फ्लू (H5N1 Virus) भी वैश्विक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का कारण बना रहा। कोरोना से भी खतरनाक माने जाने वाले एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के गायों और दूध के माध्यम से भी इंसानों में फैलने के मामले सामने आए। भारत के भी कई राज्यों में इस संक्रामक रोग को लेकर लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई। डब्ल्यूएचओ ने 5 जून को मैक्सिको में 59 वर्षीय व्यक्ति की बर्ड फ्लू के एच5एन2 स्ट्रेन के कारण मौत की जानकारी दी।
मंकीपॉक्स को दूसरी बात घोषित किया गया ‘आपातकाल’ | Infectious Diseases in 2024
ये साल 2024 मंकीपॉक्स और इसके कारण होने वाली जटिलताओं को लेकर भी काफी चर्चा में रहा। अफ्रीकी देश रवांडा के साथ कनाडा, यूके-यूएस में भी मंकीपॉक्स संक्रमण के मामले रिपोर्ट किए गए। मंकीपॉक्स के दो नए स्ट्रेनों- क्लेड I और क्लेड II ने लोगों को सबसे ज्यादा परेशान किया। दुनियाभर में बढ़ते इस संक्रामक रोग के खतरे को लेकर 14 अगस्त 2024 को डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को दूसरी बार स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करना पड़ा। इससे पहले साल 2022 में भी आपातकाल घोषित किया गया था। सितंबर में, भारत में (केरल के मलप्पुरम में) भी क्लेड 1b स्ट्रेन का पहला मामला दर्ज किया गया था। इस पूरे साल मंकीपॉक्स के मामले स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बने रहे।