स्वास्थ्य और बीमारियां

भारत में मिला चीनी वायरस HMPV का तीसरा केस, जानिए हर जरूरी सवाल का जवाब

कोरोना महामारी (Covid-19) के पांच साल बाद चीन से फिर एक नए वायरस का विस्‍तार होता दिख रहा है, जिसका नाम है- ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV). सोशल मीडिया पर खबरें वायरल हो रही हैं कि चीन में HMPV इस कदर कहर बरपा रहा है कि पेशेंट्स के लिए बेड कम पड़ रहे हैं।चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस वायरस से निपटने के लिए कुछ प्रोटोकॉल लागू किए हैं। हालांकि, इसे लेकर अभी तक आपातकाल की कोई ऑफिशियल घोषणा नहीं की गई है।

इस खबर के बाद पूरी दुनिया HMPV Virus से डर रही है, क्योंकि कोविड के दौरान भी शुरुआत में इसी तरह मामले सामने आए थे और धीरे-धीरे इस बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया था।भारत में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) तीन केस सामने आ चुके हैं। एक केस अहमदाबाद में और बाकी दो कर्नाटक में मिले हैं। संक्रमितों में 8 महीने का बच्चा और 3 महीने की बच्ची है। यह वायरस 2 साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को ही सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।

भारत में गंभीर स्थिति की आशंका नहीं

देश के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि भारत में इसे लेकर किसी गंभीर स्थिति की आशंका नहीं है। यहां पर मेटान्यूमोवायरस एक नॉर्मल रेस्पिरेटरी वायरस है। इससे जुकाम और फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।हालांकि, बुजुर्गों में और एक साल से कम उम्र के बच्चों में इसके लक्षण थोड़े गंभीर हो सकते हैं। इसके बावजूद यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है। हमारे अस्पताल स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

क्‍या है एचएमपीवी वायरस?

ह्यूमन मेटान्‍यूमोवायरस (HMPV) एक RNA वायरस है, जो आमतौर पर सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है। इससे खांसी या गले में घरघराहट हो सकती है। नाक बह सकती है या गले में खराश हो सकती है। इसका जोखिम ठंड के मौसम में ज्यादा होता है।

कैसे फैलता है HMPV Virus?

HMPV वायरस खांसने और छींकने से फैलता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, वायरस से संक्रमित किसी वस्तु को छूने से भी यह फैल सकता है। इसके लक्षण संक्रमित होने के बाद 3 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं।

HMPV वायरस के लक्षण (Symptoms of HMPV Virus)

इसके सामान्‍य लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बहना, गला खराब होना, घरघराहट, सांस लेने की तकलीफ और रैशेज हैं। शुरुआत में इसके लक्षण सामान्य वायरल जैसे ही दिखते हैं, लेकिन वायरस का असर अगर ज्यादा है तो निमोनिया और ब्रोंकाइटिस होने का खतरा भी हो सकता है।

क्या HMPV कोरोना वायरस की तरह है?

HMPV वायरस (Paramyxoviridae Family) और कोरोना वायरस (Coronaviridae Family), दोनों अलग फैमिली का हिस्सा हैं। इसके बावजूद इनमें कई चीजें मेल खाती हैं।

रेस्पिरेटरी इलनेस- दोनों वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं।

ट्रांसमिशन- दोनों वायरस सांस और दूषित सतह के संपर्क से फैलते हैं।

लक्षण- दोनों वायरस के लक्षण एक जैसे हैं। इनमें बुखार, खांसी, गले में खराश, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ होती है।

वलनरेबल ग्रुप- दोनों वायरस से सबसे अधिक खतरा बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को होता है।

प्रिवेंशन- दोनों वायरस में बचाव के लिए हाथ साफ रखना, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग महत्वपूर्ण उपाय हैं।

क्या कोरोना की तरह पूरी दुनिया में फैल सकता है यह वायरस?

यह कोई नया वायरस नहीं है। पिछले साल भी चीन में इसके फैलने की खबर आई थी। साल 2023 में नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में भी इस वायरस का पता चला था। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, सबसे पहले नीदरलैंड में साल 2001 में इसका पता लगाया गया था। हालांकि, इसे कम-से-कम 50 साल पुराना वायरस माना जाता है।इस वायरस का अभी तक कोई ऐसा वैरिएंट देखने को नहीं मिला है, जो कोरोना की तरह विस्फोटक अंदाज में फैलता है।

क्या इस बीमारी का कोई इलाज या वैक्सीन है?

HMPV वायरस के लिए अभी तक कोई एंटीवायरल दवा नहीं बनी है। हालांकि, ज्यादातर लोगों पर इसका बहुत सामान्य असर होता है। इसलिए घर पर रहकर ही इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। जिन लोगों में गंभीर लक्षण विकसित होते हैं, उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी, IV ड्रिप और कॉर्टिकास्टेरॉइड (स्टेरॉयड्स का एक रूप) दिए जाते हैं।इस वायरस से निपटने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन विकसित नहीं की गई है। असल में HMPV वायरस के कारण अभी तक ऐसी स्थितियां नहीं बनी हैं कि इसके लिए कोई वैक्सीन बनाने की जरूरत पड़े। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button