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फैला ‘आंख से खून’ आने वाला ये घातक रोग, संक्रमितों की हो जाती है मौत!

Bleeding Eye Disease: पिछले कुछ वर्षों में दुनियाभर में संक्रामक रोगों के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। साल 2019 के अंत में शुरू हुए कोरोनावायरस संक्रमण के बाद मंकीपॉक्स, इबोला, स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर अतिरिक्त दबाव बढ़ाया। हालिया रिपोर्ट्स में एक और बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंता जताई गई है। खबरों के मुताबिक कई अफ्रीकी देशों में मारबर्ग वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। मारबर्ग को ‘ब्लीडिंग आई डिजीज’ के नाम से भी जाना जाता है, इस वायरस से संक्रमण के कारण अब तक 15 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। पिछले दो महीनों में ये वायरस 17 से अधिक अफ्रीकी देशों में फैल चुका है।

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अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनियाभर के सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी इस घातक वायरस के प्रसार पर नजर रख रहे हैं और सभी लोगों को संक्रमण से बचाव के उपाय करते रहने की सलाह दी गई है। ये वायरस पहले भी फैलता रहा है हालांकि इस बार एक नया स्ट्रेन सामने आया है जिसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। इसके एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से प्रसार और घातक लक्षण पैदा करने की खबरें सामने आ रही हैं। संक्रमण की चपेट में आए आधे से अधिक लोगों की मौत हो जाती है।

आंखों से खून आना ही प्रमुख लक्षण | Bleeding Eye Disease

ऐसा नहीं है कि मारबर्ग पहली बार स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा रहा है। साल 2003 से लेकर समय-समय पर इसका प्रकोप देखा जाता रहा है। फरवरी 2023 में इक्वेटोरियल गिनी में इस वायरस के कारण 16 लोगों में संक्रमण और 12 मौतें हुईं थीं। साल 2012 में यूगांडा में 15 लोगों को संक्रमित पाया गया और चार लोगों की मौत हुई। नियमित अंतराल पर वायरस में म्यूटेशन और इसके कारण संक्रमण बढ़ने के मामले सामने आते रहे हैं। इस रोग के विशिष्ट लक्षणों में से एक है- आंखों से खून आना है और इसलिए इसे ब्लीडिंग आई डिजीज भी कहा जाता है।

मारबर्ग वायरस डिजीज के बारे में जानिए | Bleeding Eye Disease

मारबर्ग वायरस के कारण होने वाले रोग को काफी घातक माना जाता है। अफ्रीका के कुछ हिस्सों में इसका प्रकोप होता रहा है। संक्रमित चमगादड़ों के माध्यम से या संक्रमित व्यक्ति के शिकार के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से इसके फैलने का खतरा रहता है। इसके कारण रक्तस्राव के मामले अधिक देखे जाते रहे हैं। चूंकि ये वायरस रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है इस वजह से रक्तस्राव होने और जान जाने का खतरा अधिक रहता है।

मारबर्ग वायरस डिजीज के लक्षण और बचाव | Bleeding Eye Disease

एमबीडी को आमतौर पर दुर्लभ माना जाता रहा है। संक्रमण की शुरुआत में बुखार, ठंड लगने, तेज सिरदर्द, खांसी, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द जैसी दिक्कतें होती हैं। वहीं इसके गंभीर चरणों में पेट या सीने में दर्द, उल्टी-दस्त, मल में खून आने के अलावा नाक, मुंह, आंखों से खून आने की दिक्कतें देखी जाती रही हैं। मारबर्ग वायरस संक्रमित मनुष्यों या जानवरों के शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क से फैलता है। प्रकोप को रोकने के लिए संक्रमितों को आइसोलेशन में रखा जाता है। एमबीडी से बचे रहने के लिए रोगियों के निकट संपर्क में आने से बचने, हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

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