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इस साल करीब 18 लाख जिंदगी लील गया ये घातक रोग, बचाव के लिए अभी से शुरू कर दें उपाय

lung cancer cases and death: साल 2024 वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कई प्रकार की चुनौतियों से भरा रहा। पिछले तीन वर्षों की तुलना में इस साल कोरोनावायरस का प्रकोप भले ही कम रहा हो पर कई अन्य बीमारियों ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर अतिरिक्त दबाव बढ़ाया। हृदय स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों ने लोगों को खूब परेशान किया, इस साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि अकेले कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) के कारण एक करोड़ से अधिक लोगों की मौत हो गई। हृदय स्वास्थ्य समस्याओं के अलावा साल 2024 लंग्स कैंसर और इसके कारण होने वाली जटिलताओं के लिए भी याद किया जाता रहेगा।

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इस वजह से इस घातक कैंसर का खतरा बढ़ता जा रहा | lung cancer cases and death

डेथमीटर की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल लंग्स कैंसर, ट्रेकिया और ब्रोंकाइटिस के कारण 18 लाख से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ गई। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि फेफड़ों का कैंसर आने वाले वर्षों में भी स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कई प्रकार की चुनौतियां पैदा कर सकता है। भविष्य में इस कैंसर के कारण मौत के आंकड़ों के बढ़ने को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। डॉक्टर्स कहते हैं, आहार और लाइफस्टाइल की कई गड़बड़ियों के कारण साल-दर-साल इस घातक कैंसर का खतरा बढ़ता जा रहा है। आने वाले वर्षों में इस गंभीर रोग का खतरा कम किया जा सके और स्वास्थ्य क्षेत्र पर लंग्स कैंसर के बढ़ते दबाव को कम किया जा सके इसके लिए सभी लोगों को अभी से प्रयास शुरू कर देना चाहिए। पर कैसे? आइए जानते हैं।

बचाव के लिए प्रयास शुरू करने की सलाह | lung cancer cases and death

मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि फेफड़ों का कैंसर दुनियाभर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। फेफड़ों की ये गंभीर बीमारी पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखी जा रही है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कम उम्र से ही सभी लोगों को बचाव के लिए प्रयास शुरू करने की सलाह देते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि धूम्रपान करने वाले लोगों में फेफड़ों की गंभीर बीमारियों सहित कैंसर होने का खतरा अधिक देखा जाता है, ये लंग्स कैंसर के करीब 85 फीसदी मामलों के लिए जिम्मेदार है। तम्बाकू के धुएं में 7,000 से अधिक रसायन होते हैं, जिनमें कम से कम 70 ऐसे रसायन शामिल हैं जो कैंसर का कारण बनते हैं। हालांकि वैश्विक डेटा से पता चलता है कि धूम्रपान न करने वाले लोग भी इस कैंसर का शिकार हो रहे हैं।

कैसे जानें आपको फेफड़े का कैंसर तो नहीं? | lung cancer cases and death

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लंग्स कैंसर, फेफड़ों को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाली समस्या है, हालांकि इसके लक्षण आमतौर पर शुरुआती दौर में बहुत स्पष्ट नहीं दिखते हैं। ज्यादातर लोगों में इसका पता ही तब चल पाता है जब ये बीमारी गंभीर हो जाती है और कैंसर काफी फैल चुका होता है। हालांकि ज्यादातर विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आपको लंबे समय तक खांसी की दिक्कत बनी रहती है, छाती में दर्द होता रहता है, खांसी के साथ खून आता है, सांस लेने में तकलीफ होती है या फिर घरघराहट का अनुभव होता रहता है तो ये कैंसर का संकेत हो सकता है। जिन लोगों के परिवार में पहले भी किसी को ये कैंसर रहा हो उन्हें और अधिक सावधानी बरतते रहना और समय-समय पर श्वसन रोग विशेषज्ञों की सलाह लेते रहना चाहिए।

बचाव के लिए करें ये पांच उपाय | lung cancer cases and death

श्वसन रोग विशेषज्ञ कहते हैं, फेफड़ों के कैंसर से बचे रहने के लिए कुछ उपाय मददगार हो सकते हैं, जिसपर सभी लोगों को ध्यान देते रहने की जरूरत है।

  • अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे तुरंत छोड़ दें। धूम्रपान छोड़ने से भी इस कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
  • सेकेंडहैंड स्मोकिंग से भी बचें। अगर आप धूम्रपान करने वाले लोगों के साथ रहते हैं तो उन्हें धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करें। सेकेंडहैंड स्मोकिंग यानी सिरगेट के धुएं के अक्सर संपर्क में रहने के कारण भी आपमें इस कैंसर का खतरा हो सकता है भले ही आप धूम्रपान न करते हों।
  • अपने घर में रेडॉन की जांच करें। रेडॉन सहित अन्य रसायनों के संपर्क में रहने से भी आप कैंसर का शिकार हो सकते हैं।
  • अगर आप ऐसी जगहों पर काम करते हैं जहां रसायनों का इस्तेमाल होता है तो मास्क और सुरक्षात्मक उपायों का गंभीरता से पालन करें।
  • व्यायाम करें और फलों और सब्जियों से भरपूर आहार लें। ये स्वस्थ आदतें कई तरह के कैंसर, साथ ही हृदय रोग और मधुमेह के जोखिम को कम करेंगी।

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