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खुद से दवा खाने वाले हो जाएं सावधान, ये छोटी सी गलती बन सकती है गंभीर समस्याओं का कारण

Self Medication is Dangerous: नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराते रहना बीमारियों से बचने के लिए सबसे जरूरी है। इससे समय रहते गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में पता चल जाता है जिससे इलाज प्राप्त करना और ठीक होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। डॉक्टर कहते हैं, हमारे समाज में बीमारियों के इलाज को लेकर जो एक सबसे बड़ी खामी देखी जा रही है वो है, बिना डॉक्टर से पूछे खुद से ही दवा लेकर खा लेना। इसे मेडिकल की भाषा में सेल्फ मेडिकेशन कहते हैं। ओवर-द-काउंटर दवा लेकर आप फौरी तौर पर समस्या से तो आराम पा लेते हैं पर क्या आपको पता है कि दीर्घकालिक रूप से आपकी ये आदत कई प्रकार से नुकसानदायक हो सकती है?

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सेल्फ मेडिकेशन है खतरनाक! | Self Medication is Dangerous

सेल्फ मेडिकेशन या स्व-चिकित्सा का मतलब है अपनी बीमारियों के बारे में गूगल या इंटरनेट से पता करना और कम से कम जानकारी के आधार पर बिना किसी विशेषज्ञ की देखरेख के दवाएं लेना। इस आदत के स्वास्थ्य पर कई तरह के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं। कई अध्ययनों में लंबे समय तक पेनकिलर या ओवर-द-काउंटर मेडिसिन लेने के कारण किडनी और कई अन्य अंगों के फेलियर का खतरा भी देखा जाता रहा है। इसी से संबंधित एक हालिया रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने बताया कि दर्द निवारक दवाओं के बार-बार या अधिक सेवन के कारण हार्ट अटैक और आंतरिक रक्तस्राव होने का जोखिम हो सकता है।

डॉक्टर से परामर्श किए बिना सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में भी खुद से दवा लेना अच्छा अभ्यास नहीं माना जा सकता है। इसके अलावा सेल्फ मेडिकेशन के परिणामस्वरूप समस्याओं का गलत निदान और अनुचित उपचार हो सकता है, जिससे संभावित रूप से दीर्घकालिक नुकसान होने का खतरा रहता है। एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की बढ़ती समस्या के लिए इसे एक कारण माना जा सकता है, जो वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम कारक है। एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस के कारण ऐसी स्थिति हो सकती है जब आपको दवाओं की सख्त जरूरत होगी पर उनका असर नहीं होगा।

बढ़ रहा है एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का जोखिम | Self Medication is Dangerous

द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित शोध में वैज्ञानिकों ने एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस के बढ़ते गंभीर खतरे को लेकर सावधान किया है। एक वैश्विक विश्लेषण के अनुसार साल 1990 से 2021 के बीच एंटीबायोटिक प्रतिरोध या रेजिस्टेंस के कारण दुनियाभर में हर साल एक मिलियन (10 लाख) से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। वैज्ञानिकों ने चिंता जताते हुए कहा कि ये संकट और भी बढ़ता जा रहा है। अगर इस दिशा में तुरंत सुधार वाले बड़े फैसले न लिए गए तो अगले 25 सालों में 39 मिलियन (3.9 करोड़) यानी करीब चार करोड़ लोगों की जान जा सकती है।

एंटीबायोटिक प्रतिरोध या रेजिस्टेंस तब होता है जब बैक्टीरिया या कवक जैसे रोगाणुओं को मारने के लिए बनाई गई दवाओं के प्रति ये रोगाणु बचाव की क्षमता विकसित कर लेते हैं। एंटीबायोटिक दवाएं मुख्यरूप से संक्रमण की स्थिति में रोगजनकों को खत्म करने के लिए दी जाती हैं, पर एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की स्थिति में ये दवाएं काम करना ही बंद कर देती हैं। इस स्थिति में दवा लेने पर भी रोगाणु मरते नहीं बल्कि और बढ़ते रहते हैं। ऐसे में संक्रमणों का इलाज करना कठिन और असंभव भी हो सकता है।

पेनकिलर के लगातार सेवन से हार्ट अटैक का खतरा | Self Medication is Dangerous

एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक सेवन और इसके दुष्प्रभावों के अलावा पेनकिलर दवाओं के बार-बार सेवन के कारण भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं। इससे किडनी डैमेज होने का खतरा तो रहता ही है साथ ही कुछ लोगों में पेनकिलर के अधिक सेवन के कारण हार्ट अटैक होने का भी खतरा हो सकता है। इसी से संबंधित यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि जो लोग पहले से ही खून को पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं, अगर वह बिना डॉक्टरी सलाह के अक्सर इबुप्रोफेन या नेप्रोक्सन जैसी गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (NSAID) भी लेते रहते हैं तो उनमें आंतरिक रक्तस्राव का जोखिम दोगुना हो सकता है।  इन दवाओं को  दर्द निवारक के रूप में जाना जाता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? | Self Medication is Dangerous

बीमारियों से बचाने में दवाएं जितनी मददगार हैं, वहीं इनके दुरुपयोग या बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवाओं के सेवन के कई नुकसान भी हैं। इसलिए जरूरी है कि अपनी बीमारी को लेकर सही विशेषज्ञ से सही निदान और उसी आधार पर दवा प्राप्त करें। ओवर-द-काउंटर किसी भी दवा के सेवन से बचा जाना चाहिए। आप ये नहीं जानते हैं कि शरीर के भीतर क्या दिक्कत है, ऐसे में बिना विशेषज्ञ की सलाह के कोई भी दवा लेने से फायदे की जगह नुकसान होने का खतरा हो सकता है।

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