बीते कुछ सालों में युवाओं में हार्ट अटैक के केस काफी बढ़ रहे हैं. खासतौर पर डांस करते समय और जिम में दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं बढ़ रही हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अचानक आ रहे ये हार्ट अटैक एक तरीके के साइलेंट हार्ट अटैक हैं.
इनमें मरीजों को दिल की बीमारी के कोई शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन शरीर के अंदर हार्ट के फंक्शन बिगड़ जाते हैं और अचानक से हार्ट अटैक आता है. अगर तुरंत इलाज न मिले तो मरीज की मौत हो जाती है।
इस बीच ये सवाल भी उठता है कि दिल का दौरा पड़ने की ये घटनाएं अचानक कैसे हो रही हैं और किन लोगों में इसका अधिक खतरा है? ऐसे सवालों का जवाब जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.
नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉ. से बातचीत में इस बारे में डिटेल में बताया है. डॉ बताते हैं किअचानक हैवी वर्कआउट करने या फिर डांस करने के दौरान हार्ट की आर्टरीज में मौजूद ब्लड क्लॉट टूट जाता है इस वजह से हार्ट अटैक आता है या फिर कार्डियक अरेस्ट हो जाता है. ये सब कुछ ही मिनटों में हो जाता है. अगर इस दौरान मरीज को इलाज न मिले तो मौक होने का रिस्क रहता है।
डॉ गेरा बताते हैं कि जिन लोगों में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की बीमारी होती है या फिर जो लोग ज्यादा धूम्रपान करते हैं उनमें इस तरह की हार्ट डिजीज का रिस्क ज्यादा होता है।
ऐसे लोगों की दिल की नसों में खून के थक्के बन जाते हैं जो बाद में हार्ट अटैक का कारण बनते हैं. कई मामलों में ये हार्ट अटैक आने से पहले कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं. इसको ही साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है.
कैसे करें साइलेंट हार्ट अटैक की पहचान
डॉ. बताते हैं कि कॉर्डियक सीटी स्कैन की मदद से साइलेंट हार्ट अटैक की पहचान की जा सकती है. यह जांच ईसीजी से काफी बेहतर होती है. क्योंकि साइलेंट ब्लॉकेज में ईसीजी सामान्य हो सकता है. ऐसे में साइलेंट हार्ट अटैक की पहचान नहीं हो पाती है.
ये लोग रखें ध्यान
डॉ. के मुताबिक, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, धूम्रपान, हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापा की परेशानी वाले मरीजों को साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है. अगर आपको भी ऐसी परेशानी है तो नियमित रूप से हार्ट की जांच करानी चाहिए. इसके लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराएं. जो लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं वह हार्ट डिजीज की पहचान के लिए सीटी कैल्शियम स्कोर टेस्ट करा सकते हैं.