शरीर का सामान्य तापमान 98.6 फारेनहाइट होता है। जब शरीर का टेम्प्रेचर सामान्य से ज्यादा बढ़ जाता है तो उस स्थिति को बुखार (Fever) कहते हैं। ऐसे में इस स्थिति में लोगों को अपने खानपान का विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए। चिकित्सक भी यही सलाह देते हैं कि बुखार या किसी भी छोटी बड़ी बीमारी में अपना खान-पान सही रखना चाहिए। जब बुखार के दौरान आपका डाइट चार्ट सही नहीं रहता है तो बुखार ठीक होने में समय नहीं लगता है।
बुखार होने पर क्या खाएं?
बुखार में सुबह के नाश्ते में ताजे फलों से बना जूस या हरी पत्तेदार सब्जियों से बने सूप का सेवन करना चाहिए।
हरी सब्जियों का सेवन करें। उबली हुई सब्जियों का सेवन ज्यादा करना चाहिए।
बुखार में दस्त, उल्टी, पसीना से राहत पाने के लिए केले और सेब का सेवन करना चाहिए। इन दोनों में पौटेशियम पाई जाती है, जो इलेक्ट्रोलाइट का काम करते हैं।
बुखार के दौरान अपनी डाइट में प्रोटीन को शामिल करें। दोपहर या रात के समय मूंग दाल की खिचड़ी, नमकीन दलिया खा सकते हैं।
डिनर में तो विशेष तौर पर हल्के-फुल्के भोजन करें। इससे अपच की समस्या नहीं होगी।
बुखार होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, क्योंकि बुखार के दौरान हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। बुखार में नारियल पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है।
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बुखार होने पर क्या ना खाएं?
बुखार होने पर चावल, खट्टी चीजे या ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि जब भी बुखार होता है तो हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है।
बुखार में चावल न खाकर रोटी खानी चाहिए, क्योंकि बुखार के समय चावल के मुकाबले रोटी को हजम करना ज्यादा आसान होता है।
बुखार होने पर अधिक मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
बुखार में फास्ट फूड, तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
बुखार में अधिक मसालों को खाने से जी मिचलाने की समस्या होती है।