कब और क्यों आती है चलने पर घुटनों से कट कट की आवाज, कब हो जाना चाहिए सतर्क?

हमारे शरीर के लिए घुटने बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, क्योंकि इनकी मदद से पैरों को चलने, फिरने, खड़े होने और संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। यह शरीर का एक जटिल और महत्वपूर्ण जोड़ है, जो जांघ की हड्डी को पिंडली की हड्डी से जोड़ता है। घुटनों में मौजूद मेनिस्कस (Meniscus) और स्नायुबंधन (Ligaments) घुटने के जोड़ को स्थिर और गति को सक्षम बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। कई बार आपने देखा होगा कि उठने बैठने पर घुटनों से कट कट की आवाज आती है। वहीं, चलने पर भी कुछ लोगों के घुटनों से यह कट कट की आवाज आती है। ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है आखिर कब और किस स्थिति में घुटनों से आवाज आती है। यह कितना नॉर्मल है और कब हमें सावधान हो जाना चाहिए?
कब आती है घुटनों से आवाज?
घुटना हमारे शरीर का एक जटिल जोड़ है, जो हड्डियों, लिगामेंट्स, टेंडन्स और कार्टिलेज से मिलकर बना होता है। जब हम चलते हैं तो ये सभी संरचनाएं आपस में समन्वय बनाकर काम करती हैं। यदि इन संरचनाओं में कोई असमानता आती है तो घुटनों से आवाज आ सकती है। एक सामान्य कारण घुटने के जोड़ में गैस बुलबुले का बनना है। जोड़ों के तरल पदार्थ में कभी-कभी गैस के छोटे बुलबुले बन जाते हैं। जब हम चलते हैं या घुटने मोड़ते हैं तो ये बुलबुले फूटते हैं और कट-कट जैसी आवाज सुनाई देती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है और आमतौर पर किसी समस्या का संकेत नहीं होती।

घुटने के कार्टिलेज का घिसना
दूसरा महत्वपूर्ण कारण घुटने के कार्टिलेज का घिसना हो सकता है। कार्टिलेज एक चिकनी परत होती है, जो घुटने की हड्डियों को आपस में रगड़ने से बचाती है। उम्र बढ़ने के साथ या अत्यधिक गतिविधियों के कारण यह परत पतली या खुरदरी हो सकती है। इससे हड्डियों के बीच घर्षण बढ़ता है और आवाज आने लगती है। इस स्थिति को चिकित्सकीय भाषा में “ऑस्टियोआर्थराइटिस” कहा जाता है।
ये वजह भी हो सकती है
कभी-कभी मांसपेशियों या लिगामेंट्स का सही से संरेखित न होना भी आवाज का कारण बन सकता है। विशेष रूप से जब कोई व्यक्ति व्यायाम करते समय या लंबे समय तक बैठे रहने के बाद अचानक चलता है तो घुटने से आवाज आ सकती है।
यह भी पढ़ें: क्या होता है Cornea Damage, जिस कारण आंखों की रोशनी गंवाते-गंवाते बचीं जैस्मिन भसीन?
कब हो जाना चाहिए सावधान?
यदि घुटनों से केवल आवाज आ रही है और दर्द, सूजन या जकड़न नहीं है तो आमतौर पर चिंता की कोई बात नहीं होती। हल्के व्यायाम, स्ट्रेचिंग और स्वस्थ वजन बनाए रखना इस समस्या को कम कर सकता है। मगर, यदि आवाज के साथ दर्द, सूजन, जकड़न या चलने में कठिनाई महसूस हो रही हो तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। सही समय पर निदान और इलाज से घुटनों की सेहत को बनाए रखा जा सकता है।