ठंड के मौसम में अक्सर लोग सर्दी-जुकाम की समस्या परेशान होने लगते हैं। ये बेहद कॉमन माना जाता है और इसे लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। कुछ दिनों के आराम और सही देखभाल से ये पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। मगर, कई बार ज्यादा दिनों तक इनका रहना चिंता की बात हो सकती है।
हालांकि, सर्दी-जुकाम (Common Cold) कैसे होते हैं। इसके लिए कौन-कौन से वायरस जिम्मेदार हैं। बहुत कम लोग ही जानते हैं कि कफ-कोल्ड 200 से भी ज्यादा तरह के वायरस से हो सकते हैं। ये तेजी से फैल भी सकते हैं। एक बार वायरस बढ़ जाए तो इसे रोकना मुश्किल भी हो सकता है।
क्यों होते हैं सर्दी-जुकाम? (Why do we get colds and coughs?)
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, सर्दी-जुकाम शरीर का बीमारी से लड़ने का एक तरीका है। जब कोई बैक्टीरिया या वायरस शरीर पर अटैक कर देता है तो शरीर उससे लड़ने के लिए अपना तापमान बढ़ा लेता है। दरअसल, वायरस या बैक्टीरिया कोशिकाओं में घुसकर उसके तत्वों का इस्तेमाल करके विभाजित होते और बढ़ते रहते हैं। जब शरीर अपना तापमान बढ़ाता है तो वे खुद को जल्दी विभाजित नहीं कर पाते हैं और शरीर को इन्हें खत्म करने का मौका मिल जाता है। मतलब सर्दी या जुकाम शरीर के लिए एक ऐसा तरीका है, जिसमें वह अपना देखभाल करता है। कॉमन कोल्ड के लिए एक नहीं कई वायरस जिम्मेदार हैं।
किन वायरस से होता है सर्दी-जुकाम? (Which viruses cause cold and cough?)
राइनोवायरस (Rhinovirus)
अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, सर्दी-जुकाम के करीब 40% मामले तो सिर्फ राइनोवायरस (rhinovirus) के कारण ही होते हैं, जिसे कॉमन कोल्ड या सर्दी-जुकाम कहा जाता है।
कोरोना वायरस (Corona Virus)
साल 2019-20 में आई कोविड 19 की महामारी से पहले भी कोरोना मौजूद था। इसके कई प्रकार यानी स्ट्रेन हैं। कोरोना महामारी इसका एक नया स्ट्रेन था। इसकी वजह से भी सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कभी-कभी इनमें कॉमन कोल्ड के लक्षण नजर आते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में सर्व एक्यूट रेस्पायरेटरी सिंड्रोम (SARS) मतलब लंग्स और सांस लेने की समस्या बन जाते हैं। इसके एक प्रकार को SARS-CoV 2 कहा जाता है, जो कोविड 19 का कारण था।
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एडिनोवायरस (Adenovirus)
एडिनोवायरस भी 50 से ज्यादा तरह के होते हैं। इसकी वजह से सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं होती हैं, लेकिन कई बार गंभीर मामलों में निमोनिया या लंग इंफेक्शन भी हो सकता है। इससे कंजेक्टिवाइटिस या पिंक आई भी हो सकता है। इसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
आरएसवी (RSV)
आरएसवी से होने कोल्ड यानी सर्दी-जुकाम के लक्षण कॉमन होते हैं, लेकिन कई बार ये गंभीर भी बन सकता है। इसलिए, कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अधिकतर बार ये खुद ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर ज्यादा दिनों तक बनी रहे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।