अब खत्म हो जाएगा Cancer? 2025 से इस देश के नागरिकों को लगेगी फ्री वैक्सीन

एक लंबे अरसे के बाद अंतत: वो समय आ ही गया, जब इंसान ने सबसे अधिक खतरनाक बीमारी कैंसर (Cancer) का तोड़ ढूंढ ही लिया। कैंसर से हर साल दुनियाभर में लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं, क्योंकि इसका इलाज न के बराबर हो पाता है। जो इलाज है भी, उसमें इतना खर्च आता था कि आम आदमी को घर, जमीन सब बेचना पड़ जाए। मगर, आखिरकार दुनिया ने जैसे पोलियो को हरा दिया, वैसे ही कैंसर की भी वैक्सीन वैज्ञानिकों ने बना ली है। इस वैक्सीन को दुनिया के सामने ला रहा है- रूस (Russia).
रूस ने दावा किया है कि उसने Cancer को हराने के लिए दुनिया की सबसे खतरनाक लाइलाज बीमारी का तोड़ ढूंढ लिया है। दावा है कि उसने कैंसर की एक वैक्सीन (Cancer Vaccine) बनाई है, जो कैंसर को हराने में मदद करेगी। बता दें कि यह पहली ऐसी वैक्सीन है, जो कैंसर के लिए बनी है। अबतक कैंसर को लाइलाज कैटेगरी के रोगों में रखा गया था। रूस ने यह भी कहा कि वह साल 2025 से अपने नागरिकों को यह वैक्सीन फ्री में लगाएगा।

रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कही ये बात (Cancer Vaccine in Russia)
रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर आंद्रेई काप्रिन के अनुसार, यह m-RNA वैक्सीन है, जो सभी प्री-क्लीनिकल टेस्ट से गुजर चुकी है। इस वैक्सीन (m-RNA Vaccine) ने न सिर्फ कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोका बल्कि मेटास्टेटिस लेवल तक पहुंचने से रोकने की क्षमता दिखाई है। रूस एआई के मदद से कैंसर के पर्सनलाइज्ड टीके भी बना रहा है।
गौरतलब है कि WHO ने हाल में बताया था कि साल 2022 में कैंसर के दुनियाभर में 2 करोड़ नए मरीज पाए गए थे। वहीं, 97 लाख मरीजों की जान गई थी यानी हर 5 में से एक शख्स को अपने जीवन में कैंसर हो रहा है। ऐसे में ये वैक्सीन सदी की सबसे बड़ी खोज मानी जा रही है।
क्या है भारत की स्थिति?
अकेले भारत में बात करें तो साल 2022 में कैंसर के 14.13 लाख नए केस सामने आए थे। इनमें सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की थी। 2022 में 7.22 महिलाओ को कैंसर हुआ, जबकि 6.91 लाख पुरुषों में कैंसर मिला था। देश में 9.13 लाख मरीज इस बीमारी से जान गंवा बैठे थे। वहीं, नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते दिन साल में कैंसर से देश के 23.68 नागरिकों की जान जा चुकी है, जबकि 42 लाख नए मरीज पाए गए हैं।
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भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक रिपोर्ट का आंकलन है कि 5 साल में देश में 12 फीसदी की दर से कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ेगी, लेकिन सबसे बढ़ी चुनौती कम उम्र में कैंसर होने वालों की है। नेचर जर्नल में छपी एक रिसर्च की मानें तो कम उम्र में कैंसर होने की सबसे बड़ी वजह आजकल की लाइफस्टाइल है। देश में सबसे कैंसर ब्रेस्ट, मुंह, गर्भाशय और फेंफड़ों में पाए जा रहे हैं।

क्या होता है mRNA?
हमारे शरीर में mRNA यानी मैसेंजर आरएनए पाया जाता है। यह इंसानी जेनेटिक कोड का एक छोटा हिस्सा है, जो हमारी सेल्स में प्रोटीन बनाने की काम करती है। इसे अगर ऐसे समझें कि जब हमारे शरीर को बैक्टेरिया या वायरल प्रवेश करता है और वह हमारे लिए खतरनाक होता है तो mRNA हमारी कोशिका को उस वायरल या बैक्टीरिया के खिलाफ प्रोटीन बनाने का मैसेज भेजती है। इससे हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम को जरूरी प्रोटीन मिल जाता है और शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण बन जाता है।ऐसे में वैक्सीन के मामले में समझें तो इससे कन्वेशनल वैक्सीन के मुकाबले जल्दी वैक्सीन बन जाती है और शरीर की इम्यूनिटी भी मजबूत हो जाती है।