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Women’s Day 2025: घर-दफ्तर के लिए सुपरवुमन बन जाती हैं महिलाएं, पर सेहत का नहीं रख पातीं ख्‍याल  

Women’s Day 2025: दुनिया भरमें हर साल 08 मार्च को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया जाता है। आज के दिन महिलाओं को अक्सर मां के तौर पर ही एप्रिशिएट किया जाता है, जबकि वो आज के वक्त में पिता का रोल भी बखूबी निभा रही हैं। चाहे बात ऑफिस-परिवार संभालने की हो या फिर बच्चों को अच्छी परवरिश देने की, वो हर काम में सुपरवुमन बन जाती हैं। वहीं, जब दूसरों की सेहत का ख्याल रखने की बात हो तो महिलाएं सबसे आगे खड़ी नजर आती हैं, लेकिन बात जब खुद की हेल्थ की आती है तो वो लापरवाही कर जाती हैं। घर और ऑफिस के काम को बैलेंस करने के चक्कर में उनका खाने का पैटर्न बिगड़ा रहता है।

जल्दी उठने, देर से सोने से नींद की कमी होती है और कई बार वर्क प्रेशर से तनाव में भी आ जाती हैं, लेकिन वो कभी हिम्मत नहीं हारतीं। तभी तो 30-35 की उम्र आते-आते वो बीमारी की गिरफ्त में आने लगती हैं। महिलाएं हार्ट डिजीज, शुगर-बीपी, मोटापा, हॉर्मोनल इम्बैलेंस की शिकार हो रही हैं। ऑटो इम्यून डिजीज भी महिलाओं के लिए बड़ी मुसीबत बन रही है। 80 से ज्यादा ऑटो इम्यून डिजीज में से 75% बीमारियां महिलाओं में पाई जाती हैं।

महिलाओं में बीमारी (Disease in Women)

हार्ट डिजीज

पीसीओडी

डायबिटीज

एनीमिया

डिप्रेशन

ऑस्टियोपोरोसिस

ब्रेस्ट कैंसर

थायरॉइड

महिलाओं की बिगड़ी सेहत

हर साल 12 करोड़ महिलाएं तनाव की शिकार।

देश में 60% महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस।

40% लाइफस्टाइल डिजीज की दवा लेती हैं।

18 से 35 साल की महिलाओं में मोटापा।

29% महिलाओं की हार्ट डिजीज से मौत।

लंग कैंसर के बाद ब्रेस्ट कैंसर से ज्यादा मौत।

40 साल के बाद कैल्शियम की कमी।

56% महिलाएं एनिमिक हैं।

4 करोड़ महिलाओं को थायरॉइड है।

70% में कैल्शियम की कमी है।

70% में विटामिन डी की कमी है।

फिट रहेंगी महिलाएं, बदले आदतें

बासी खाना न खाएं।

ब्रेकफास्ट जरूर करें।

स्ट्रेस न लें।

दोपहर में आराम करें।

बीमारी को इग्नोर न करें।

अपना भी खास ख्‍याल रखने की कोशिश करें।

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