KGMU में हीमोफीलिया पर कार्यशाला का आयोजन, 40 को दिया गया प्रशिक्षण

लखनऊ: राजधानी स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के पैथोलॉजी विभाग ने कोएगुलेशन अपडेट में सीएमई के बाद कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें डॉक्टर्स, पैथोलॉजिस्ट्स और मरीजों में हीमोफीलिया के शुरुआती लक्षणों, इसके निदान और प्रबंधन के बारे में व्यापक जागरूकता पर चर्चा की गई। हीमोफीलिया एक रक्तस्राव विकार है, जिसका समय पर निदान न होने पर गंभीर जानलेवा रक्तस्राव हो सकता है।
इस कार्यशाला में आसपास के शहरों, सीएचसी, पीएचसी और डायग्नोस्टिक केंद्रों से प्रतिभागी शामिल हुए। यह आईएसएचबीटी और सीएमसी वेल्लोर के प्रोफेसर सुकेश नायर के सहयोग से हुआ। एसजीपीजीआई, पीजीआई चंडीगढ़ के अतिथि वक्ताओं और पूरे भारत से 170 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद मैडम, प्रोफेसर तथागत चटर्जी, प्रोफेसर सुरेश बाबू और आयोजन सचिव डॉ. रश्मि कुशवाह ने किया।

40 प्रतिभागियों को दिया गया प्रशिक्षण
डॉ. रश्मि कुशहवाह ने बताया कि पूरे भारत में 40 प्रतिभागियों को हीमोफीलिया के निदान में की जाने वाली प्रक्रियाओं पर प्रशिक्षण दिया गया। इसका उद्देश्य डॉक्टर्स और तकनीशियनों को प्रशिक्षित करना था, जिससे निकट भविष्य में सभी सीएचसी और पीएचसी स्तर पर हीमोफीलिया का निदान उपलब्ध हो सके। इससे हीमोफीलिया के रोगियों को बहुत मदद मिलेगी।