World Liver Day 2025: नियमित करें इन योगासनों का अभ्यास, जीवन भर लिवर रहेगा स्वस्थ

World Liver Day 2025: अक्सर बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि खूब पानी पिया करो और शराब के सेवन से दूर रहा करो, वरना लिवर में गड़बड़ी हो जाएगी। लिवर की सेहत का ख्याल रखने के लिए कहा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि लिवर का कार्य क्या है और लिवर में गड़बड़ी से कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। लिवर की भूमिका भोजन पचाने से लेकर पोषक तत्वों के अवशोषण और रक्त साफ करने की है। लिवर शरीर में रसायनों के संतुलन को बनाए रखने का कार्य करता है।लिवर पर होने वाली छोटी सी समस्या का असर पूरे शरीर की सेहत पर पड़ सकता है।
लिवर स्वस्थ है तो पाचन तंत्र सही रहता है और कई बीमारियों से बचाव भी होता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर लिवर की कार्यक्षमता को बेहतर बनाया जा सकता है। साथ प्राकृतिक दौर पर लिवर मजबूत रखने के लिए कुछ योगासनों का अभ्यास असरदार हो सकता है। नियमित योग के अभ्यास को जीवनशैली का हिस्सा बनाकर फैटी लिवर डिजीज जैसी गंभीर और घातक बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। लिवर की सेहत के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर लिवर को स्वस्थ रखने वाले असरदार योगासनों के बारे में जानिए ताकि लिवर संबंधी बीमारियों से बचाव हो सके।
पश्चिमोत्तानासन | World Liver Day 2025
लिवर के साथ ही किडनी और ओवरी को स्वस्थ रखने के लिए पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करें। पश्चिमोत्तासन के अभ्यास से शरीर के मध्य भाग की स्ट्रेचिंग में मदद मिलती है। जिन लोगों को लिवर की समस्याएं हैं, उन्हें डॉक्टर की सलाह से पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करना चाहिए। इससे लिवर से जुड़ी समस्याओं के लक्षण कम हो सकते हैं।

हलासन | World Liver Day 2025
हलासन के अभ्यास से लिवर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद मिलती है। यह आसन लिवर की सेहत के लिए फायदेमंद है, साथ ही रीढ़ की स्ट्रेचिंग के साथ ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देने में भी असरदार है। रक्तचाप में सुधार और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में के लिए भी हलासन का नियमित अभ्यास कर सकते हैं।

नौकासन | World Liver Day 2025
लिवर की सेहत के लिए नौकासन अभ्यास किया जा सकता है। नौकासन का अभ्यास पेट की मांसपेशियों और अंगों को मजबूती देने के साथ ही उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। फैटी लिवर कई बीमारियों का प्रमुख कारण माना जाता है। नौकासन के अभ्यास से पेट की चर्बी का जोखिम भी कम हो सकता है।
