World Pancreatic Cancer Day: वैश्विक स्वास्थ्य के लिए कैंसर के बढ़ते मामले जोखिम बने हुए हैं। हर साल लाखों लोगों की मौत कई तरह के कैंसर के कारण हो जाती है। हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि दुनियाभर में पैंक्रियाटिक कैंसर (अग्नाशय में होने वाले कैंसर) के मामले भी बढ़ रहे हैं। साल 2020 के डेटा से पता चलता है कि इस वर्ष दुनियाभर में अग्नाशय के कैंसर से लगभग 470,000 मौतें हुईं। डॉक्टर कहते हैं, पेट में होने वाले इस कैंसर के लक्षण आमतौर पर कई प्रकार की अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते होते हैं। यही वजह है कि अक्सर लोग इस समस्या पर ध्यान नहीं देते और इसका आमतौर पर निदान आखिरी के चरणों में होता है जहां से रोगी की जान बचा पाना काफी कठिन हो सकता है।
इस कैंसर के जोखिमों के बारे में लोगों को सावधान करने और बचाव के उपायों को लेकर शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल नवंबर माह के तीसरे गुरुवार (इस बार 21 नवंबर) को विश्व अग्नाशय कैंसर दिवस (World Pancreatic Cancer Day) मनाया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि अग्नाशय कैंसर किस कारण से होता है? हालांकि कुछ ऐसे कारक हैं जो इस कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। कुछ लक्षणों पर ध्यान देकर और दिनचर्या में बदलाव के माध्यम से आप इस कैंसर से बचे रह सकते हैं।
क्या है पैंक्रियाटिक कैंसर?| World Pancreatic Cancer Day
पैंक्रियाटिक कैंसर भले ही पेट में होता है पर इसे स्टमक कैंसर (पेट का कैंसर) नहीं माना जा सकता है। अग्नाशय पेट के निचले हिस्से के पीछे स्थित होता है। यह भोजन को पचाने में मदद करने वाले एंजाइम और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करने वाले हार्मोन बनाता है। इस अंग की कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि के कारण कैंसर की दिक्कत शुरू होती है। अग्नाशय का कैंसर, इस अंग की कोशिकाओं के डीएनए में होने वाले परिवर्तन के कारण होता है। शुरुआत में इसमें आपको पेट दर्द या इससे संबंधित दिक्कतें होती रह सकती है, जिसपर लोग ध्यान नहीं देते हैं। यही कारण है कि इस कैंसर का समय पर निदान भी नहीं हो पाता है।
इन संकेतों पर समय रहते ध्यान देना जरूरी | World Pancreatic Cancer Day
मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि इस कैंसर के लक्षण आमतौर पर तब तक नजर नहीं आते हैं जब तक कि यह फैल न जाए या फिर गंभीर चरणों में न पहुंच जाए। हालांकि कुछ संकेत हैं जिनपर अगर समय रहते ध्यान दे दिया जाए तो इसकी कुछ हद तक पहचान की जा सकती है। डॉक्टर बताते हैं, इस कैंसर में आमतौर पर आपको पेट में दर्द बना रहता है जो बगल या पीठ तक फैल जाता है। इसके अलावा अगर आपको भूख न लगने, वजन कम होने की समस्या भी कुछ समय से हो रही है तो सावधान हो जाना चाहिए। कैंसर के बढ़ने की स्थिति में आपको मूत्र के रंग में गहरापन या हल्के रंग का मल होने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इन संकतों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।
अक्सर होने वाले पेट दर्द और पीलिया को न करें इग्नोर | World Pancreatic Cancer Day
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अगर आपको अक्सर पेट में दर्द की समस्या बनी रहती है तो समय रहते इसका निदान जरूर करा लें, इसके लिए कई अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याएं जिम्मेदार हो सकती हैं जिसमें से कैंसर भी एक है। अक्सर होते रहने वाला पेट दर्द जो आसपास भी फैल जाता है, इसपर गंभीरता से ध्यान दें। कैंसर के शुरुआती या आगे के चरणों में त्वचा और आंखों के सफेद भाग के पीला पड़ने (पीलिया) की समस्या भी होती है। जिन लोगों को अक्सर पीलिया बनी रहती है उन्हें इसका समय रहते निदान करा लेना चाहिए। हाथ या पैर में दर्द और सूजन बने रहना भी अलार्मिंग संकेत है।
कैसे करें इससे बचाव? | World Pancreatic Cancer Day
अध्ययनों से पता चलता है कि कुछ लोगों में इस प्रकार के कैंसर का खतरा अधिक होता है। जिन लोगों में अग्नाशय के कैंसर का पारिवारिक इतिहास रहा है उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। धूम्रपान करने वाले लोगों में इस कैंसर के मामले अधिक देखे जाते रहे हैं। वहीं टाइप-2 डायबिटीज की अनियंत्रित बनी रहने वाली स्थिति भी आपके लिए खतरनाक है। डॉक्टर कहते हैं, कैंसर सहित कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचे रहने के लिए धूम्रपान छोड़ना सबसे जरूरी है। इसके अलावा वजन को नियंत्रित बनाए रखना भी जरूरी है। इन दो उपायों की मदद से आप कैंसर सहित कई अन्य क्रोनिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचे रह सकते हैं।