World Pneumonia Day 2024: दुनियाभर में स्वास्थ्य के लिए बड़ी चिंता का कारण रहे हैं संक्रामक रोग। ऐसा ही एक रोग है निमोनिया, जिसके कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। फेफड़ों में होने वाला ये संक्रमण गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बनता है। बच्चों में इस रोग का जोखिम सबसे ज्यादा देखा जाता रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक निमोनिया दुनियाभर में बच्चों की मौत का सबसे बड़ा संक्रामक कारण है। हर वर्ष निमोनिया के कारण पांच वर्ष से कम आयु के 7.25 लाख से अधिक बच्चों की मृत्यु हो जाती है, जिनमें लगभग 1.90 लाख नवजात शिशु भी शामिल हैं, जो संक्रमण के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं।
जागरूकता बढाने के दिन है विश्व निमोनिया दिवस |World Pneumonia Day 2024
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को फेफड़ों में होने वाले इस गंभीर संक्रमण से निरंतर बचाव के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। निमोनिया संक्रमण को लेकर लोगों को जागरूक करने और इससे बचाव को लेकर शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है। डॉक्टर बताते हैं, बैक्टीरिया, वायरस और फंगस किसी के कारण भी ये रोग हो सकता है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उन्हें इससे बचाव को लेकर और भी सतर्कता बरतते रहने की आवश्यकता होती है।
बच्चे और कमज़ोर इम्युनिटी वालों को सचेत रहने की जरूरत |World Pneumonia Day 2024
श्वसन रोग विशेषज्ञ बताते हैं, बच्चे और कमजोर इम्युनिटी वाले इस संक्रमण का अधिक शिकार होते हैं। समय से पहले जन्मे बच्चे और नवजात में निमोनिया और इसके कारण होने वाली जटिलताएं अधिक देखी जाती रही हैं। फ्लू, कोविड-19 और न्यूमोकोकल रोग निमोनिया के सामान्य कारण हैं। छोटे बच्चों में इससे सबसे ज्यादा मौतें रिपोर्ट की जाती हैं। डॉक्टर कहते हैं, वैसे तो निमोनिया किसी को भी हो सकता है लेकिन दो साल से कम उम्र के बच्चे और 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों में इसका खतरा और मौत के मामले अधिक रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। इन लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहनी चाहिए।
बैक्टीरियल निमोनिया है सबसे आम |World Pneumonia Day 2024
निमोनिया एक गंभीर संक्रमण है जो एक या दोनों फेफड़ों में मौजूद वायु थैलियों में सूजन पैदा कर सकता है। संक्रमण के कारण वायु थैलियों में तरल पदार्थ या मवाद (प्यूरुलेंट पदार्थ) भर जाते हैं, जिससे कफ या मवाद के साथ खांसी, बुखार, ठंड लगने और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। बैक्टीरियल निमोनिया को सबसे आम और गंभीर रोगों का कारण माना जाता है। यहां ध्यान देने वाली बात ये भी है सर्दी-जुकाम, फ्लू और निमोनिया के ज्यादातर लक्षण एक जैसे हो सकते हैं, इसलिए इनमें आसानी से अंतर नहीं किया जा सकता है। हालांकि निमोनिया का जल्दी पता लगना और इसका इलाज प्राप्त करना जरूरी होता है, वरना रोग की गंभीरता बढ़ सकती है।
निमोनिया की क्या पहचान है? |World Pneumonia Day 2024
डॉक्टर बताते हैं, निमोनिया के लक्षण इसके कारण (बैक्टीरिया, वायरस या फंगस) पर निर्भर करते हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को ये बीमारी अलग तरह से प्रभावित कर सकती है। बैक्टीरियल निमोनिया के लक्षण धीरे-धीरे या अचानक विकसित हो सकते हैं। ज्यादातर लोगों में तेज बुखार (105 F) के साथ पीले-हरे या खूनी बलगम के साथ खांसी, तेजी से सांस लेने, सांस फूलने, पसीना आने या ठंड लगने जैसी दिक्कतें अधिक होती हैं। निमोनिया के कारण कुछ लोगों में त्वचा, होंठ या नाखून का रंग नीला पड़ सकता है (सायनोसिस)। इसके अलावा कुछ लोगों को भ्रम या मानसिक स्थिति में बदलाव जैसी दिक्कतें भी होने लगती हैं।
क्या एक से दूसरे को भी हो सकता है ये संक्रमण? | World Pneumonia Day 2024
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, निमोनिया को वैसे तो संक्रामक नहीं माना जाता है। स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया वायरस इस रोग का सबसे आम कारक है, इसका जोखिम एक से दूसरे व्यक्ति में हो सकता है। संक्रमित सतहों को छूने या खांसने-छींकने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के माध्यम से ये संक्रमण एक से दूसरे में हो सकता है। हालांकि फंगस के कारण होने वाला निमोनिया संक्रामक नहीं होता है। डॉक्टर कहते हैं, जिन लोगों में निमोनिया के लक्षण हों उन्हें समय रहते डॉक्टर से मिलकर इसकी जांच और इलाज प्राप्त करना चाहिए। एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से इस संक्रमण को ठीक किया जा सकता है।