Eyes Infection: शरीर के बाकी हिस्सों की तरह, आंखों को भी विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। हालांकि, दुर्भाग्य से लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण इस अंग पर कई प्रकार का नकारात्मक असर देखा जा रहा है। बहुत कम उम्र के लोगों में भी आंखों से संबंधित समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को आंखों की सेहत को लेकर विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए, विशेषकर उम्र बढ़ने के साथ आंखों से संबंधित बीमारियों का खतरा अधिक हो सकता है।
आंखों की बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने और बचाव के उपायों को लेकर अलर्ट करने के उद्देश्य से हर साल अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, 50 की आयु के बाद आंखों के विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता होती है, इस उम्र में कुछ प्रकार की बीमारियों का जोखिम अधिक हो सकता है। आइए इन बीमारियों और इनसे बचाव के उपायों के बारे में जानते हैं।
आम समस्याओं में से एक है मोतियाबिंद | Eyes Infection
उम्र बढ़ने के साथ मोतियाबिंद की दिक्कत होने को सबसे आम समस्याओं में से एक माना जाता है, यह आंखों के लेंस के धुंधलापन की समस्या है जो कई वर्षों में धीरे-धीरे विकसित होती है। इसमें आंखों की सेंट्रल लाइन पर भी नकारात्मक असर होने लगता है, जिससे कम दिखाई देना शुरू हो जाता है। मोतियाबिंद की समस्या में सर्जरी की जरूरत होती है, इसलिए समय रहते लक्षणों पर ध्यान देना आवश्यक होती है।
बच्चों में देखी जा रही ग्लूकोमा की समस्या | Eyes Infection
ग्लूकोमा उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या है, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में इस रोग का जोखिम कम उम्र के लोगों यहां तक कि बच्चों में देखी जा रही है। ग्लूकोमा आंखों की बीमारियों का एक समूह है, जो आंख के पीछे स्थित ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचाकर दृष्टि हानि और अंधापन का कारण बन सकती है। इस रोग के लक्षण इतने धीरे-धीरे शुरू होते हैं कि शुरुआत में इसपर ध्यान भी नहीं जाता है। ग्लूकोमा के कारण कम दिखाई देने के साथ आंखों-सिर में तेज दर्द, मतली या उल्टी लगना, रोशनी के चारों ओर रंगीन छल्ले दिखने और आंखों के लाल होने की समस्या हो सकती है।
आंखों की ये समस्या भी खतरनाक | Eyes Infection
जैसे-जैसे रेटिना की उम्र बढ़ती है, आंखों की कोशिकाओं में क्षति होने का खतरा बढ़ जाता है जिससे कि आंखों में रक्त आपूर्ति कम हो जाती है और प्रकाश के प्रति कम संवेदनशील हो सकती है। उम्र से इस समस्या को गंभीर माना जाता है जिसके कारण आंखों की रोशनी भी जाने का खतरा हो सकता है। आंखों की इस समस्या के कारण पढ़ने-लिखने या गाड़ी चलाने में मुश्किल हो सकती है।
आहार और लाइफस्टाइल को करें ठीक, आंखें रहेंगी सुरक्षित | Eyes Infection
डॉक्टर कहते हैं, जिस तरह से आंखों की बीमारियों का जोखिम बढ़ता जा रहा है ऐसे में जरूरी है कि आप कम उम्र से ही इस अंग को सेहतमंद रखने के लिए प्रयास करते रहें। इसके लिए आहार और लाइफस्टाइल दोनों को ठीक रखना जरूरी है। भोजन में विटामिन-ए और ई वाली चीजों के साथ पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इसके साथ नियमित योग-व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाना भी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है।