Pregnancy Labour Pain: प्रेग्नेंसी के दौरान योग करने से दर्द सहने की क्षमता बढ़ सकती है। ‘जर्नल ऑफ़ पेरिनेटल एजुकेशन’ में प्रकाशित अध्ययन बताता है कि प्रेग्नेंसी में योग प्रसव पीड़ा के दर्द को सहने की क्षमता बढ़ा सकता है। ‘Yoga During Pregnancy: Effects on Maternal Comfort, Labour Pain, and Birth Outcomes.’ शीर्षक इस स्टडी में प्रेग्नेंट महिलाओं को दो ग्रुप में बांटा गया। पहले ग्रुप में उन महिलाओं को रखा गया, जिन्होंने योग नहीं किया। जबकि दूसरे ग्रुप में उन महिलाओं को रखा गया, जिन्होंने प्रेग्नेंसी की अंतिम तिमाही में हर दो हफ्ते में एक घंटे की योग क्लास अटेंड की। अंत में इस अध्ययन में पाया गया कि प्रेग्नेंसी के अंतिम 10-12 हफ्तों में नियमित योग अभ्यास से लेबर के दौरान मां को अधिक आराम मिलता है और प्रसव की प्रक्रिया में मदद हो सकती है।
नेचुरल ख़ुशी का अनुभव कराता है योग | Pregnancy Labour Pain
शोधकर्ताओं का मानना है कि योग में किए गए मूवमेंट्स, सांसों के कंट्रोल और चैंटिंग शरीर में एंडोर्फिन और सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ा सकते हैं, जिससे दर्द सहने की क्षमता बढ़ जाती है। इसी तरह योग करने से जब एंडोर्फिन ब्लड में रिलीज होते हैं, तो एक तरह की नेचुरल खुशी का अनुभव होता है। साथ ही दर्द तेज महसूस नहीं होता।
प्रेग्नेंसी के दौरान वारियर पोज|Pregnancy Labour Pain
एक्सपर्ट्स के मुताबिक वीरभद्रासन-2 या वारियर पोज को बार-बार करने से लेबर पेन को सहने की क्षमता बढ़ती है। प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सपर्ट की सलाह पर इसे अपनाएं।
मेंटल हेल्थ के लिए भी लाभकारी | Pregnancy Labour Pain
लेबर पेन का दर्द सहने के अलावा योग मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहने में मददगार हैं। रिलैक्सेशन, ब्रीदिंग और मेडिटेशन से दिमाग शांत और संतुलित रहता है। मांसपेशियों का तनाव दूर होता है और मन शांत महसूस करता है।
प्रेग्नेंसी के आखिरी दिनों में योग सही? | Pregnancy Labour Pain
ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक प्रेग्नेंसी के आखिरी दिनों में अगर महिलाएं सुखासन, पश्चिमोत्तासन, मार्जरीआसन, बिटलासन, वीरभद्रासन, उत्तानासान, ऊर्ध्व उत्तानासान, वीरासन और उस्त्रासन आदि करती हैं तो उन्हें इसका फायदा मिलता है।